केरल में बारिश संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 88 हुई, 40 अब भी लापता

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केरल में भारी बारिश से मची तबाही के बाद मंगलवार को स्थिति थोड़ी बेहतर होती दिखी, लेकिन मृतकों की संख्या बढ़कर 88 हो गई और 40 अन्य लोग अब भी लापता हैं। राज्य में।,332 राहत शिविरों में 2.52 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन सबसे अधिक प्रभावित जिलों मलप्पुरम और वायनाड के लिए रवाना हो गए हैं जहां आठ अगस्त को भूस्खलन की लगातार हुई घटनाओं में 41 लोगों की जान चली गई थी।

 वायनाड के मेप्पदी स्थित राहत शिविर में लोगों से विजयन ने कहा सरकार आपके साथ है… हमें एकसाथ मिलकर सभी मुसीबतों और कठिनाइयों से बाहर निकलने की जरूरत है।   राज्य के राजस्व मंत्री ई. चंद्रशेखरन और मुख्य सचिव टॉम जोस भी मुख्यमंत्री के साथ हैं। मुख्यमंत्री मलप्पुरम के राहत शिविरों का दौरा भी करेंगे। वह अधिकारियों और लोगों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक करेंगे।  सुबह नौ बजे मिली अद्यतन आधिकारिक जानकारी के अनुसार आठ अगस्त से लेकर अब तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में 88 लोगों की जान गई है।

 भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने एर्नाकुलम, कोल्लम, पत्तनमतिट्टा, इडुक्की, अलाप्पुझा और तिरुवनंतपुरम जिलों में आंधी और बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।  इन छह जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

 कांग्रेस नेता एवं वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने हाल में प्रभावित इलाकों और राहत शिविरों का दौरा किया था।  उन्होंने कहा था, यह केवल वायनाड के लिए नहीं, बल्कि पूरे केरल और कुछ दक्षिण राज्यों के लिए भी दुखद है। यह केवल वायनाड की परेशानी नहीं है, यह केरल की परेशानी है, यह कर्नाटक की परेशानी है। 

 कांग्रेस नेता ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति पर सरकारी अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में शामिल होने के बाद कलपेट्टा में पत्रकारों से कहा, मुझे लगता है कि केंद्र सरकार को इन राज्यों के लोगों की स्थिति पर ध्यान देने और व्यापक स्तर पर उनकी मदद करने की जरूरत है।   राज्य में बारिश संबंधी घटनाओं में 88 लोगों की मौत होने के साथ ही 40 अन्य लापता हैं।

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