भोपाल/बैतूल, 6 अप्रैल (भाषा) कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या के कारण व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरर्ण पीपीईी किट और एन-95 मास्क की सीमित उपलब्धता एवं आपूर्ति के बीच बैतूल जिला जेल के कैदी डॉक्टरों के मार्गदर्शन में पीपीई किट तैयार कर रहे हैं। उन किट एवं मास्क की कमी के चलते मध्य प्रदेश सरकार ने इनका न्यायोचित उपयोग किए जाने के निर्देश दिए है।
बैतूल जिला जेल के कैदियों ने करीब 150 पीपीई किट बना ली हैं और इन्हें स्थानीय डॉक्टर एवं पराचिकित्सा कर्मी उपयोग में ला रहे हैं। इस पीपीई किट को बनाने का विचार सबसे पहले जिला ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अंकित सीते के मन में आया। उन्होंने इस विचार को जब आमला विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे को बताया तो उन्होंने डिजाइन में काफी बदलाव किए। इस किट को बनाने में घोड़ाडोंगरी बीएमओ डॉ. संजीव शर्मा ने भी योगदान दिया। इन तीनों डॉक्टरों ने संयुक्त विचार-विमर्श कर इस पीपीई किट का डिजाइन तैयार किया।
बैतूल जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी :सीएमएचओ: डॉ. जी सी चौरसिया ने बताया, “कोरोना के विरूद्ध युद्ध में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग की जाने वाली पीपीई किट की अब बैतूल जिले में कमी नहीं रहेगी। डॉक्टरों के मार्गदर्शन में स्थानीय जिला जेल के कैदियों ने जिले में ही अब ये किट तैयार करनी शुरू कर दी हैं जिसके लिए कैदियों को सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं।”
उन्होंने कहा, “किट निर्माण में उपयोग आने वाली सामग्री स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है, पीपीई किट तैयार करने के लिए आवश्यक सामग्री नजदीकी जिले छिंदवाड़ा से मंगाई गई है।” इस किट को तैयार करने में सांसद डीडी उइके एवं आमला विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे द्वारा दी गई क्रमश: सांसद एवं विधायक निधि की राशि का उपयोग किया जा रहा है।
वहीं, जिला चिकित्सालय की चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकिता सीते ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कार्य कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम में शामिल खण्ड चिकित्सा अधिकारी शाहपुर डॉ. शैलेन्द्र साहू ने अन्य देशों की कोरोना वायरस के विरूद्ध प्रसारित वीडियो क्लिपिंग में डॉक्टरों को फेस शील्ड पहने देखा तो उन्होंने सोचा कि यह फेस शील्ड स्वयं के बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है जिन्हें बैतूल जिले में भी होना चाहिए।
सीते ने बताया, जब ऑनलाइन एवं स्थानीय बाजार में खोजने पर भी ये उपलब्ध नहीं हुईं तो डॉ. साहू ने साड़ी की पैकिंग में से प्लास्टिक शीट निकालकर हेयर बैंड, टेप, इलास्टिक एवं फेविकॉल से फेस शील्ड का निर्माण किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस शील्ड को पीपीई किट के साथ सम्मिलित किया। उनके इस डिजाइन में दो अन्य डॉक्टरों की मदद से बदलाव किए गए, जिसे अब समन्वित रूप से बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि बैतूल में बनाए गए इस किट की खासियत यह है कि इसे पहनने के बाद डॉक्टर और अन्य चिकित्साकर्मी कोरोना वायरस के संक्रमण से 100 फीसद सुरक्षित रहेंगे।
सीते ने बताया कि इन पीपीई किट की कीमत महज 150 रुपए है, जबकि देश और दुनिया की नामी कंपनियों द्वारा पीपीई किट को 1200 रुपए से लेकर 1500 रुपए में बेचा जाता है। डॉ. योगेश पंडाग्रे ने बताया, अभी हम प्रतिदिन 30 से 35 पीपीई किट बैतूल जिला जेल में बना रहे हैं और जल्द ही प्रतिदिन करीब 200 पीपीई किट तैयार करेंगे। इसके लिए स्वसहायता समूह की मदद लेंगे। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई ने शनिवार को कोविड-19 अभियान में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को पीपीई किट्स का तर्क संगत उपयोग करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।