मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा 14 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 27 फीसदी करने के लिए संशोधन विधेयक मंगलवार को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। विधानसभा में इसे मध्य प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गाे के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2019 के रूप में सर्वसम्मति से पारित किया गया।
राज्यपाल और राष्ट्रपति की सहमति के बाद यह मध्य प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण) अधिनियम 1994 का हिस्सा बन जाएगा। विधेयक पर चर्चा के दौरान सदस्यों ने निजी क्षेत्र में भी प्रदेश में आरक्षण लागू करने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का समर्थन करते हुए मांग की कि ओबीसी कोटे के अंदर क्रीमी लेयर की शुरुआत की जानी चाहिए ताकि इसका लाभ ओबीसी के उस गरीब वर्ग तक पहुंच सके जिसे कभी आरक्षण का लाभ ही नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण के अंदर अति पिछड़ा वर्ग के लिए 7 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया जाना चाहिए।