भोपाल, 23 अप्रैल (भाषा) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बृहस्पतिवार सुबह तक 34 पुलिसकर्मियों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इतनी बड़ी तादात में पुलिसकर्मियों को कोविड-19 होने का असली कारण दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से संक्रमित होकर यहां आए तबलीगी जमात के सदस्य हैं।
उन्होंने बताया कि जमात के संक्रमित सदस्य यहां आकर मस्जिदों में छुप गए और जब पुलिस उन्हें पकडऩे गई तो वे भी उनके संपर्क में आने से कोरोना वायरस संक्रमित हो गए। भोपाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेन्द्र जैन ने पीटीआई-भाषा को बताया, आज सुबह साइबर सेल का एक पुलिकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया। इसी के साथ आज सुबह तक भोपाल में पुलिस अधिकारियों सहित कुल 34 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस की महामारी की चपेट में आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इन पुलिसकर्मियों के अलावा कोरोना वायरस की महामारी में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के करीब 30 परिजन भी कोविड-19 से ग्रस्त हैं। जैन ने बताया कि इस महामारी को पुलिसकर्मियों के परिजनों में फैलने से रोकने के लिए शहर के करीब 2,100 पुलिसकर्मी ड्यूटी के बाद अपने घरों में नहीं जा रहे हैं। इन पुलिसकर्मियों के होटलों में रहने की व्यवस्था की गई है और उन्हें सरकार द्वारा पीपीई किट्स, सेनेटाइजर एवं भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा, विश्लेषण से पता चला है कि शहर में हमारे पुलिसकर्मियों में कोरोना वायरस का संक्रमण पिछले महीने दिल्ली से लौटे तबलीगी जमात के सदस्यों से तब हुआ जब पुलिसकर्मी उनकी तलाश में शहर के विभिन्न इलाकों में गए थे। जमात के सदस्यों के संपर्क में आने से ही इतनी बड़ी तादात में पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं। जैन ने बताया कि जमात सदस्यों के आने से पहले पुलिस बल में इस महामारी का कोई मामला नहीं था।
उन्होंने कहा, पिछले महीने के आखिरी में पुलिस जमात के सदस्यों की तलाश में जहांगीराबाद एवं शबाग पुलिस थाने इलाके स्थित मस्जिदों में गई। जैन ने बताया कि दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात से लौटे करीब 30 से 35 लोग यहां कोविड-19 के लिए संक्रमित पाए गए। इनमें कुछ विदेशी भी शामिल हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि जितने पुलिसकर्मी कोरोना वायरस के लिए संक्रमित पाए गए हैं, वे सभी जमात सदस्यों के संपर्क में आने से संक्रमित नहीं हुए हैं। एक पुलिसकर्मी मेडिकल टीम के साथ कोरोना वायरस को रोकने के लिए घर-घर जाने से इस बीमारी के चपेट में आया है, जबकि कुछ पुलिसकर्मी निषिद्ध क्षेत्रे में तैनाती के दौरान कोरोना वायरस संक्रमित हुए हैं या सामान्य ड्यूटी के दौरान। लेकिन पुलिस बल में सबसे पहले कोविड-19 का संक्रमण जमात सदस्यों से ही आया है। जैन ने बताया, कोरोना वायरस संक्रमित पुलिसकर्मियों या उनके परिजनों में से किसी ने भी विदेश यात्रा नहीं की है।