बसों की प्रियंका की पेशकश पर मप्र में कांग्रेस व भाजपा के बीच वाकयुद्ध

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भोपाल, 21 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के लिए बसों की कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की पेशकश पर मची राजनीतिक रस्साकशी की गर्मी मध्यप्रदेश तक भी पहुंच गई है।   

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अपने राज्य में यह जानने के लिए आमंत्रित किया है कि प्रवासी मजदूरों की मदद कैसे की जा सकती है। वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चौहान के दावे को मजाक और झूठ से भरा करार दिया।  

मंगलवार देर रात ट्वीट कर चौहान ने दावा किया कि उनकी सरकार ने प्रवासियों के लिए बहुत प्रभावी व्यवस्था की है। चौहान ने ट्वीट किया, प्रियंका जी, अगर आपको सच में श्रमिकों की मदद करनी है, तो मध्यप्रदेश आइए। हमारे यहां की व्यवस्थाएं देखिए, सीखिएअ उससे आपको मदद मिलेगी। मध्यप्रदेश की धरती पर आपको कोई मजदूर भूखा, प्यासा और पैदल चलता हुआ नहीं मिलेगा। हमने कारगर इंतजाम किए हैं। 

एक अन्य ट्वीट में चौहान ने कहा, प्रियंका जी, संकट की इस घड़ी में अपनी राजनीति के लिए मजदूरों को मोहरा मत बनाइए। उनकी हाय लगेगी। उनके साथ-साथ यह देश और दुनिया भी आपकी कथनी और करनी में अंतर को साफ-साफ देख रही है। छल नहीं, सेवा कीजिए, यही सच्ची राजनीति है। 

चौहान के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बयान में कहा, शिवराज जी, ख़ूब झूठ बोलिए लेकिन मज़दूरों के नाम पर कम से कम इतना बड़ा मज़ाक़ तो मत करिए। कमलनाथ ने आगे कहा, आप मध्यप्रदेश की व्यवस्था देखिए, इतना बड़ा झूठ व मज़दूरों के नाम पर ऐसा मज़ाक़ , शर्म करिए ? यह सही है कि आप इन मज़दूरों की अभी तक सुध लेने गए नहीं है तो आपको सच्चाई पता भी कैसे चले ? 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, आज भी प्रदेश के सभी प्रमुख मार्ग व सीमाए हज़ारों मज़दूरों से भरे हैं, कोई पैदल, कोई नंगे पैर , पैरों में छाले लिए, कोई ठेले पर, कोई साइकल पर, कोई टो से, कोई अन्य मालवाहक वाहन से अपने घर लौट रहा है। प्रदेश की धरती पर कई बेबस-लाचार मज़दूर दुर्घटना का शिकार हो चुके है, भूख-प्यास व गर्मी से दम तोड़ चुके हैं। कई गर्भवती बहनें सड़कों पर अपने बच्चों को जन्म दे चुकी हैं।

कमलनाथ ने आरोप लगाया, प्रदेश में बसों के नाम पर जो फर्जीवाड़ा हो रहा है, वह सब के सामने आ चुका है। दावे जितने किए जा रहे हैं, जमीनी हकीक़त उससे उलट है। जहा तक आप मज़दूरों को वापस लाने के व बसों के आ कड़े बता रहे हैं, उसकी सच्चाई भी सभी जानते है। आपकी कथनी और करनी में अंतर प्रदेश की जनता साफ़ देख चुकी है और मज़दूर भाई भी इसे कभी नहीं भूलेंगे।

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