भोपाल, 16 मार्च मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन को केवल एक मिनट ही संबोधित किया और फिर वहां से चले गए। सदन से जाने से पहले राज्यपाल ने विधायकों से संवैधानिक परम्पराओं का पालन करने, लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने और राज्य में मौजूदा स्थिति में शांतिपूर्वक कार्य करने का आग्रह किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही व्यापक जनहित में 26 मार्च तक स्थगित कर दी।
राज्यपाल को सदन में अपना अभिभाषण पढ़ते हुए एक मिनट ही हुआ था कि भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ऐसी सरकार का अभिभाषण पढ़ रहे हैं जो अल्पमत में है। हालांकि राज्यपाल ने बाद में विधायकों से अपील की कि वह नियमों का पालन करें और शांति से काम लें। उन्होंने विधायकों से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए संवैधानिक परंपराओं का पालन करने का आग्रह भी किया। इस अपील के बाद राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के साथ सदन से बाहर निकल गए।
राज्यपाल के जाने के बाद सदन में नारेबाजी और हंगामा हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही व्यापक जनहित में 26 मार्च तक स्थगित कर दी। इससे पहले बैठक शुरू होने पर राष्ट्रगीत वंदे मातरम का गान हुआ। इसके बाद विधायकों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर कई विधायक अपने चेहरे पर मास्क लगाकर विधानसभा में पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष की घोषणा के अनुसार विधायकों को ये मास्क विधानसभा प्रबंधन द्वारा प्रदान किए गए थे।
गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर उपेक्षा किए जाने से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। उनके साथ ही मध्यप्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। शनिवार को अध्यक्ष ने छह विधायकों के त्यागपत्र मंजूर कर लिए जबकि शेष 16 विधायकों के त्यागपत्र पर अध्यक्ष ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। (भाषा)