भोपाल, 3 अप्रैल (भाषा) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस की महामारी से ग्रस्त लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टर एवं चिकित्सकीय अमले पर इंदौर में दो दिन पहले किए गए पथराव की घटना को अक्षम्य बताया है और इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
चौहान ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टर एवं चिकित्सकीय अमले के साथ दुर्व्यवहार की घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए कहा, “यह अक्षम्य है।” उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस घटना में शामिल अराजक तत्वों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। चौहान ने कहा कि खुद को जोखिम में डालते हुए डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ अपने घर-परिवार की चिंता छोड़कर कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं। ऐसे में किन्हीं तत्वों द्वारा उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार करना किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस घटना के परिप्रेक्ष्य में पुलिस महानिदेशक को दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नागरिकों से भी आग्रह किया कि वे ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ से पूरा सहयोग करें। चौहान ने विभिन्न समुदायों के प्रमुखों एवं धर्मगुरुओं से अपील की कि वे मानव समाज को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने में अपना नेतृत्व और सहयोग प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि समाज के सभी वर्गों के सक्रिय सहयोग से हम कोरोना पर विजय प्राप्त करेंगे।
कोरोना वायरस संक्रमण के एक स्थानीय मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढने गए स्वास्थ्य कर्मियों के दल पर पथराव की बहुचर्चित घटना में पुलिस ने शुक्रवार को छह लोगों को हिरासत में लिया। मालूम हो कि इंदौर शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में बुधवार को पथराव की घटना में दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोटें आई थीं। दोनों महिला डॉक्टर कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान चला रहे स्वास्थ्य विभाग के पांच सदस्ईय दल में शामिल थीं। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढने गया था। इस मामले में इंदौर पुलिस ने बृहस्पतिवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया था। जिला प्रशासन ने इनमें से चार लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रीवा के केंद्रीय जेल भेजने के आदेश दिए हैं।