मध्यप्रदेश विधानसभा में 24 जुलाई को हुए घटनाक्रम पर अब नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने टवीट करते हुए कहा कि 24 जुलाई को मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन कांग्रेस सरकार की घबराहट की अजीब नौटंकी सामने आई, जब सरकार द्वारा प्रस्तुत विधेयक पर सरकार के मंत्रियों ने ही डिवीजन माँग लिया।
उन्होंने आगे ट्वीट करते हए कहा कि जबकि विपक्षी भाजपा विधायक दल ने विधेयक का पूर्ण समर्थन कर दिया था। इस मजाक में कांग्रेस अकेली दौडी और अव्वल आई और अपनी पीठ भी थपथपाई ।
मालूम हो कि बुधवार शाम को विधानसभा में दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2019 पर बसपा विधायक संजीव सिंह द्वारा मांगे गए मत विभाजन के दौरान भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी (मैहर सीट, जिला सतना) और शरद कोल (ब्यौहारी सीट, जिला शहडोल) ने अपना समर्थन कांग्रेस नीत सरकार को दे दिया था। इस विधेयक पर कुल 122 विधायकों ने सत्तारूढ़ कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था और कमलनाथ ने कुछ ही पल बाद बुधवार को मीडिया को बताया था कि आज हुआ मतदान सिर्फ एक विधेयक पर मतदान नहीं है, बल्कि यह बहुमत सिद्ध करने का मतदान है।