MP : कोलकता की तर्ज पर भोपाल में 30 एकड़ में बनाई जाएगी साइंस सिटी

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भोपाल,
कोलकाता की तर्ज पर मध्य प्रदेश की राजधानी में भी साइंस सिटी बनाई जाएगी। यह सिटी 30 एकड़ की एरिया में होगी, जहां बायोटेक्नालाजी, नैनोटेक्नालॉज, स्पेस साइंस सहित दस पार्क बनाए जाएंगे। इन पार्कों में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, शोधकर्ता और विद्यार्थी शोध कर सकेंगे। वहीं आम जनता भी इस पार्क में जाकर विज्ञान की नई-नई खोजों के संबंध में जान सकेंगे।

विज्ञान के प्रति लोगों के मन में जो भ्रांतियां होंगी, सिटी का भ्रमण कर उन्हें भी वो दूर कर सकेंगे। साइंस सिटी के संबंध में पूरा मसौदा तैयार करके मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने शासन को भेज दिया है। सरकार बच्चों में शोध और विज्ञान के प्रति रुचि पैदा के लिए साइंस सिटी की स्थापना करने जा रही है। सिटी बनाने के लिए शहर के अंदर 30 एकड़ जमीन तलाश कर रही है।

आंचलिक विज्ञापन केन्द्र के पास साइंस सिटी के लिए जमीन चिंहित की गई थी, लेकिन झुग्गियां, अतिक्रमण होने के कारण यहां सेंटर बनाने के प्रस्ताव को होल्ड कर दिया गया।
झुग्गियां और अतिक्रमण हटाने के बाद भी अगर साइंस सिटी बनाई जाती तो भी साइंस सिटी के मापदंड के अनुसार यहां तीन से चार एकड़ जमीन भी कम पड़ सकती है। इसके चलते अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को खरिज कर दिया है क्योंकि इसमें सरकार को लंबा समय लगेगा।

इसके अलावा शहर के आस-पास भी 30 से 40 एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। साइंस सेंटर बनाने में 3 से 4 सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें आधी राशि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार देगी और आधी राशि राज्य सरकार को खर्च करना पड़ेगा।

तीन जिलों में बनेगा साइंस सेंटर

प्रदेश के उज्जैन, जबलपुर और छिंदवाड़ा शहर में साइंस सेंटर बनाया जाएगा। इन शहरों में साइंस सेंटर बनाने में करीब 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उज्जैन और जबलपुर में बी कटेगरी का सेंटर होगा, जबकि छिंदवाड़ा में सी कटेग्री का सेंटर बनाया जाएगा। शहर की जनसंख्या के मान से साइंस सेंटर बनाने की अनुमति केन्द्र सरकार देती है। छिंदवाड़ा शहर की जनसंख्या पांच लाख से कम है, जबकि जबलपुर और उज्जैन शाहर की आबादी 6 लाख से 15 लाख के बीच में है।

कराया जाएगा सिटी का भ्रमण

साइंस सिटी में कालेज और स्कूलों में विज्ञान विषय में पढऩे वाले विद्यार्थियों को भ्रमण कराया जाएगा। उन्हें यहां विभिन्न विषयों पर शोध करने की भी सुविधाएं दी जाएंगी। शोधकर्ता को ठहरने और भोजन की व्यवस्था रहेगी। नए-नए प्रयोगों के लिए विद्यार्थियों को सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। देश-दुनिया में कृषि और विज्ञान के क्षेत्र में जो भी नई चीजे हुई हैं अथवा तैयार की गई हैं उन्हें भी साइंस सिटी में दिखाए जाएंगे अथावा उसके मॉडल यहां रखे जाएंगे। वहीं मिडिल स्कूल के बच्चों को साइंस सिटी और साइंस सेंटर भ्रमण कराने के लिए उन्हें विज्ञान यात्राएं कराई जाएंगी।

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