मध्यप्रदेश सरकार ने उन खबरों को गलत बताया है जिसमें यह कहा गया है कि भाजपा के जिन दो विधायकों ने विधानसभा में एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान अपना समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को दिया था, उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
मीडिया में आई खबरों में कहा गया है कि बुधवार शाम को विधानसभा में दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2019 पर मत विभाजन के दौरान दूसरे दल के लिए मतदान (क्रॉस वोटिंग) करने वाले भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी (मैहर) और शरद कोल (ब्यौहारी) की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बारे में पूछे जाने पर मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि इन दोनों विधायकों के लिए कोई अतिरिक्त बल की तैनाती नहीं की गई है। उन्हें वही सामान्य सुरक्षा मुहैया कराई गई है, जो हर विधायक को दी जाती है।
दूसरी ओर भोपाल के पुलिस उप महानिरीक्षक इरशाद वली ने कहा कि विधायकों की सुरक्षा बढ़ाए जाने का निर्णय पुलिस मुख्यालय लेती है और भोपाल पुलिस को अब तक लिखित में ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है।