भोपाल, मध्यप्रदेश के 18 जिलों में शुक्रवार सुबह तक अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है। भोपाल मौसम विभाग के कार्यालय में पदस्थ ड्यूटी अधिकारी आर आर त्रिपाठी ने बताया कि मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शुक्रवार साढ़े आठ बजे तक मध्यप्रदेश के 18 जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और कहीं-कहीं पर अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि जिन 18 जिलों में अतिभारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी गई है, उनमें आगरमालवा, मंदसौर, रतलाम, शाजापुर, देवास, उज्जैन, नीमच, राजगढ़, सीहोर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, मुरैना, धार, अलीराजपुर, झाबुआ एवं बड़वानी शामिल हैं।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पूर्वी संभागीय जिलों में मानसून सक्रिय तथा पश्चिमी संभागों के जिलों में प्रबल रहा। प्रदेश के सभी संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा हुई।
पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश के पाटन में सबसे अधिक 24 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि खुरई में 23 सेंटीमीटर, जबलपुर में 20 सेंटीमीटर, लटेरी एवं गंजबासोदा में 16-16 सेंटीमीटर, सारंगपुर, शुजालपुर, सिरोंज, करवाई एवं सीहोर में 14-14 सेंटीमीटर, ब्यावरा, भानपुर, आगर एवं रहेली में 13-13 सेंटीमीटर तथा टोंकखुर्द, गुना, सोनकच्छ एवं गोटेगांव में 12-12 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
प्रदेश के अधिकांश हिस्से पिछले तीन दिनों से पहले से ही भारी बारिश की चपेट में हैं, जिसके कारण कई निचले रहवासी इलाके पहले से ही जलमग्न हो गए हैं। प्रदेश के कई बांध, तालाब एवं जलाशय लबालब हो गए हैं और इनसे गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है।
इसी बीच, मध्यप्रदेश जन संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता कमलेश रैकवार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मध्यप्रदेश के सबसे बड़े बांध इंदिरा सागर में बृहस्पतिवार को जलस्तर 260.40 मीटर तक पहुंच गया है, जो फुल लेवल से 1.73 मीटर कम है। इस बांध का फुल लेवल 262.13 मीटर है। खंडवा जिले में बने इस बांध की कुल क्षमता 8364 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी भरने की है। (भाषा)