भोपाल, 13 जून (भाषा) मध्यप्रदेश में गत मार्च में कमलनाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार को गिराने की एक तरह से स्वीकारोक्ति करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धर्म कहता है कि पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है।
चौहान ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, “पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है। क्यों? बोलो, सियापति रामचंद्र की जय”
मालूम हो कि मुख्यमंत्री चौहान के आठ जून के कथित भाषण की ऑडियो-वीडियो क्लिप जारी करते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया था कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर गिराई गई थी। चौहान का यह ट्वीट इस आरोप के एक दिन बाद आया। यह ऑडियो-वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई है।
चौहान के ट्वीट का जवाब देते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टिवटर पर लिखा, “कुछ लोग खुद को बड़ा धर्म प्रेमी बताते हैं। खूब ढोंग करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि ये ही लोग सबसे बड़े अधर्मी, पापी हैं। जनता के धर्म यानि जनादेश को नहीं मानते हुए उसका अपमान करने वाले धर्म प्रेमी कैसे?”
कमलनाथ ने आगे लिखा, “धोखा, फऱेब, साज़िश, खऱीदफऱोख़्त, षड्यंत्र, प्रलोभन, ये आचरण तो धर्म कभी नहीं सिखाता? एक समय जिन्हें पापी बताते थे, आज वो ही संगी साथी हैं। कोई नियत-नीति नहीं, नैतिकता नहीं, कोई सिद्धांत नहीं, यह धर्म की राह कैसे?”
कांग्रेस द्वारा 10 जून को जारी ऑडियो-वीडियो क्लिप में चौहान, सिंधिया की सरपरस्ती में तुलसीराम सिलावट समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के पालाबदल से कमलनाथ सरकार के गिरने की ओर इशारा करते हुए कहते सुनाई पड़ रहे हैं, “हम प्रदेश की गाड़ी रुकने नहीं देंगे। लेकिन एक सवाल है कि केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया कि यह सरकार गिरनी चाहिए।”
कांग्रेस के मुताबिक भाजपा नेताओं को संबोधित कर रहे चौहान क्लिप में आगे कहते सुनाई पड़ते हैं, “आप बताओ कि सिंधिया और सिलावट के बिना सरकार गिर सकती थी क्या?…और कोई तरीका ही नहीं था।”
इससे कांग्रेस को मध्यप्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव में एक मुद्दा मिल गया है। इन उपचुनाव की तिथि अब तक घोषित नहीं हुई है।
हालांकि, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चौहान ने अपने इस ट्वीट से यह बताने की कोशिश की है कि वह अपने इस ऑडियो-वीडियो क्लिप के लीक होने से बेफिक्र हैं।’
वहीं, मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया, “हम चुपचाप नहीं बैठेंगे। हम समूचे प्रदेश में इसके खिलाफ प्रदर्शन करके लोगों को बताएंगे कि भाजपा ने षड्यंत्र करके हमारी सरकार को गिराया था।”
जब उनसे इस क्लिप की प्रामाणिकता पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “यदि यह नकली होती या इसमें छेड़छाड़ की होती तो अब तक चौहान ने इसकी जांच के आदेश दे दिए होते। भाजपा के नेताओं ने ही इस क्लिप को लीक किया है।”
गुप्ता ने बताया कि आठ जून को चौहान इंदौर के दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने जिले की सांवेर विधानसभा सीट के आगामी उपचुनाव को लेकर शहर की रेसीडेंसी कोठी में भाजपा नेताओं को संबोधित किया था। गुप्ता का दावा है कि मुख्यमंत्री का विवादास्पद ऑडियो-वीडियो क्लिप उनके इसी भाषण का हिस्सा है।
उधर, मध्यप्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने इस मामले में कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “इस क्लिप के साथ छेड़छाड़ की गई है। कांग्रेस को आभास हो गया है कि वह उपचुनाव में हार जाएगी, इसलिए से मुद्दे उठाकर आए दिन बेवजह के विवाद खड़े करती रहती है।”
गौरतलब है कि कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। इस कारण कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी।