भोपाल, 23 मार्च भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात को एक बार फिर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्हें शपथ राज्यपाल लालजी टंडन ने दिलाई। इसी के साथ उन्होंने चौथी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रच लिया है। उन्होंने अकेले ही शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य ने आज शपथ नहीं ली।
यहां राजभवन में रात नौ बजे हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल टंडन ने उन्हें मुख्यमंत्री के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। देश एवं विश्व में चल रहे कोरोना वायरस के खतरे के चलते कार्यक्रम को संक्षिप्त एवं सामान्य रखा गया। इसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा चुनिंदा विधायक उपस्थित थे। इसके पूर्व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सोमवार शाम सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया।
शाम सात बजे यहां हुए भाजपा विधायक दल की विशेष बैठक में उन्हें निर्विरोध नेता चुना गया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सह्रत्रबुद्धे और राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह की केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर वीडियों कांफ्रेस के जरिए उपस्थिति में मध्यप्रदेश विधानसभा के निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा और विधायक एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं नीना वर्मा सहित अन्य विधायकों ने इसका अनुमोदन किया।
भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अपने सम्बोधन में चौहान ने कहा, हम परिश्रम की पराकाष्ठा दिखाएंगे। जाने वाली सरकार सब तबाह कर गई है। इसके एक नहीं अनेक उदाहरण हैं लेकिन मैं उसमें नहीं जाना चाहता। चौहान ने कहा, शासन करने की शैली में भी अब परिवर्तन किया जाएगा। फैसले बोलेंगे, काम बोलेगा। हम सब मिलकर, सबको साथ लेकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, सबसे पहले कोरोना का संकट है। हमारे कार्यकर्ताओं तथा जनता से अपील है कि यह जश्न का समय नहीं है। ए तत्काल काम में जुटने का समय है। कोई घर से बाहर ना निकलें।