उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा कांग्रेस महासचिव प्रिंयका गांधी वाड्रा को हिरासत में लिए जाने की आलोचना करते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस ने कहा कि प्रिंयका की लोकप्रियता से डर कर राजनीतिक हित के लिए यह कदम उठाया गया है।
मध्यप्रदेश कांग्रेस की मीडिया शाखा की अध्यक्ष शोभा ओझा ने शुक्रवार को यहां बयान जारी कर उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले में भूमाफियाओं और दबंगों द्वारा 10 आदिवासी ग्रामीणों के साथ हुई भीषण नरसंहार की घटना को अत्यंत दुखद और निंदनीय बताते हुए कहा, इस घटना के पश्चात उत्तरप्रदेश सरकार ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को पीड़ित परिवारों से मिलने जाने से रोकना और उनकी गिरफ्तारी करना असंवैधानिक है।
ओझा ने कहा, प्रियंका गांधी की लोकप्रियता से डर कर, राजनैतिक हितों को ध्यान में रखते हुए, उत्तरप्रदेश की असंवेदनशील योगी सरकार द्वारा उठाया गया यह एक दुर्भावनापूर्ण कदम है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस की लोकप्रिय जननेता प्रियंका गांधी ने सोनभद्र की घटना को लेकर जिस तरह से त्वरित प्रतिक्रिया दी गई, यह संवेदनशीलता और भावना उन्हें इंदिरा जी से विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में भाजपा की योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे जंगलराज का इससे बड़ा उदाहरण कोई दूसरा नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि लगभग 32 ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर 200 से अधिक हथियार बंद- दबंग सरेआम जाकर अंधाधुंध फायरिंग कर 10 ग्रामीणों की हत्या करे तथा कई अन्य लोगों को घायल करे और पुलिस एवं प्रशासन को इसकी भनक तक न लगे।
ओझा ने कहा कि साफ है कि उत्तरप्रदेश में जो लोग रामराज्य स्थापित करने की बात कहते थे, वे ही आज वहां रावणराज्य चला रहे हैं। ओझा ने कहा कि प्रियंका गांधी द्वारा केवल 4 लोगों को अपने साथ ले जाने की गुहार के बाद भी बिना किसी ठोस आधार के उनको रोकना और फिर उनकी गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी और उत्तरप्रदेश की योगी सरकार, न केवल प्रियंका गांधी की अपार लोकप्रियता से डर गई हैं बल्कि यह भी साफ हो गया है कि केन्द्र और उत्तरप्रदेश की दोनों ही सरकारें लोकतंत्र का किस तरह से मखौल उड़ाते हुए आम नागरिकों और विपक्षी दलों के दमन में पूरी तन्मयता से लगी हुई हैं।
श्रीमती ओझा ने टवीट करते हुए कहा “श्रीमती प्रियंका गांधी को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोकना, योगी सरकार का असंवैधानिक और दुर्भावनापूर्ण कदम,
उत्तरप्रदेश में “रामराज्य” चलाने की बात कहने वाले, आज चला रहे हैं “रावणराज्य” “