नई दिल्ली, 2 मार्च केंद्र ने सोमवार को मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जहां गांगेय डॉल्फिन और अत्यंत लुप्तप्राय घडय़िाल पाए जाते हैं। पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया, केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य की सीमा से शून्य से दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य क्षेत्र अधिसूचित करता है।
मंत्रालय ने साथ ही मध्यप्रदेश सरकार को जोनल मास्टर प्लान तैयार करने का भी निर्देश दिया है जिससे निरावृत क्षेत्रों की बहाली, वर्तमान जलाशयों का संरक्षण, जलग्रहण क्षेत्रों का प्रबंधन, भूजल प्रबंधन, मिट्टी एवं नमी के संरक्षण, स्थानीय समुदाय की आवश्यकताओं और पारिस्थितिकी और पर्यावरण के से अन्य पहलुओं पर ध्यान देने में मदद मिलेगी जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य मध्यप्रदेश के श्योपुर, मुरैना और भिंड जिलों में 435 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ हुआ है। यह 75 प्रतिशत घडय़िालों का प्राकृतिक आवास है। इस अभयारण्य में ताजा पानी में पाई जाने वाली गांगेय डॉल्फिन, ताजा पानी के कछुओं की नौ प्रजातियां और पक्षियों की 180 से अधिक प्रजातियां भी पाई जाती हैं।
सरकार ने अपनी अधिसूचना में वन्यजीव अभयारण्य के एक किलोमीटर या ईएसजेड तक, जो भी नजदीक हो, किसी भी होटल या रिजॉर्ट के निर्माण पर रोक लगाई गई है। (भाषा)