कोविड-19 को हराने वाले सबसे उम्रदराज मरीजों में शामिल हुईं 95 वर्षीय महिला

सांकेतिक तस्वीर
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इंदौर, 22 मई (भाषा) देश में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में 95 साल की महिला ने इस महामारी के खिलाफ संघर्ष की नजीर पेश की है। अस्पताल में 11 दिन चले इलाज के बाद वह कोविड-19 को मात देकर घर लौट आई हैं और इसके साथ ही, वह देश के उन सबसे उम्रदराज मरीजों में शामिल हो गई हैं जो उपचार के बाद इस महामारी से उबर चुके हैं। 

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद 95 वर्षीय महिला को शहर के एक निजी अस्पताल में 10 मई को भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद संक्रमणमुक्त होने पर उन्हें बृहस्पतिवार्र 21 मईी को छुट्टी दे दी गई।

उन्होंने बताया कि 95 वर्षीय महिला को घुटनों की समस्या की वजह से चलने-फिरने में काफी परेशानी होती है और उनके 70 साल के बेटे की कुछ दिन पहले ही मौत हुई है। लेकिन उम्रदराज मरीज ने इलाज और इच्छाशक्ति के चलते कोविड-19 पर आखिरकार जीत हासिल की और वह स्वस्थ होकर घर लौटीं। 

महामारी पर कामयाबी की इस कहानी में 95 वर्षीय महिला के जागरूक परिवार की भी बड़ी भूमिका है। परिवार के लोगों ने अपने एक परिजन की मृत्यु के शोक में डूबे होने के बावजूद कोविड-19 की तुरंत जांच कराई और उम्रदराज महिला समेत छह संक्रमित मरीजों को समय पर अस्पताल में भर्ती कराया। 

कोविड-19 को हराने वाली 95 वर्षीय महिला की नजदीकी रिश्तेदार दीपा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वृद्धा के 70 वर्षीय बेटे की चार मई को मौत हो गई थी। उन्होंने बताया, हमारे परिवार के इस 70 वर्षीय पुरुष सदस्य में बुखार और सर्दी-जुकाम सरीखे कोविड-19 जैसे लक्षण थे।

लेकिन इससे पहले कि इस महामारी की जांच के लिए उनका नमूना लिया जाता, अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। दीपा ने बताया, इस मौत के बाद हमें संदेह हुआ और हमने खुद आगे बढ़कर सरकारी अधिकारियों से संपर्क करते हुए 16 लोगों के अपने परिवार की कोविड-19 की जांच कराई। जांच में 95 वर्षीय महिला समेत हमारे परिवार के छह लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए जिनमें 10-10 साल के जुड़वां भाई-बहन शामिल हैं। 

उन्होंने बताया कि पिछले चार दिन के दौरान 95 वर्षीय महिला समेत उनके परिवार के पांच लोग कोविड-19 के इलाज के बाद स्वस्थ होकर घर लौट आए हैं, जबकि एक मरीज का इलाज जारी है। दीपा और उनके परिवार के कुछ अन्य सदस्यों को आठ मई को शहर के एक पृथक-वास केंद्र भेज दिया गया था। हालांकि, जांच में ये लोग कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाए गए हैं।

पृथक-वास केंद्र में 14 दिन बिताने के बाद घर लौटी 37 वर्षीय महिला ने भावुक लहजे में कहा, हमें इस बात का बेहद अफसोस है कि हमने अपने परिवार के एक वरिष्ठ सदस्र्य कोविड-19 जैसे लक्षणों के बाद दम तो ने वाले 70 वर्षीय पुरुषी को खो दिया। लेकिन ईश्वर का शुक्र है कि हमने समय पर कोविड-19 की जांच कराते हुए अपने परिवार के अन्य लोगों की जान बचा ली।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक कोविड-19 का प्रकोप बरकरार रहने के कारण इंदौर जिला रेड जोन में बना हुआ है। जिले में इस महामारी के मरीजों की तादाद ब कर 2,850 पर पहुंच गई है। इनमें से 109 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि इलाज के बाद 1,280 लोग महामारी से उबर चुके हैं। 

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