नोटिस के बाद गुड्डू ने कहा, कमलनाथ सरकार की रवानगी से काफी पहले ही भाजपा छोड़ चुका हूं

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इंदौर, 21 मई (भाषा) कांग्रेस में जल्द ही ‘घर वापसी’ की राह पर आगे बढ़ते दिखाई दे रहे पूर्व लोकसभा सांसद प्रेमचंद बौरासी ‘गुड्डू’ ने बुधवार को चौंकाने वाला दावा किया कि वह राज्य की कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार के सत्ता से हटने से काफी पहले ही भाजपा छोड़ चुके हैं। 

गुड्डू ने यह दावा भाजपा की प्रदेश इकाई के उन्हें नोटिस जारी करने के अगले ही दिन किया। उन्हें एक भाजपा नेता की हैसियत से जारी इस नोटिस में कहा गया था कि वह इंदौर जिले के सांवेर विधानसभा क्षेत्र के आगामी उपचुनाव की पृष्ठभूमि में प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं और उनका यह कृत्य ैघोर अनुशासनहीनतौ की परिधि में आता है। 

गुड्डू ने पीटीआई-भाषा से कहा, फिलहाल मैं भाजपा में बिल्कुल भी नहीं हूं। मैं कमलनाथ सरकार की रवानगी से काफी पहले ही भाजपा छोड़ चुका हूं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाने वाले 59 वर्षीय दलित नेता ने कहा, भाजपा का आंतरिक सिस्टम ठीक नहीं है। मेरे जैसा नेता इस सिस्टम में फिट नहीं बैठता।

गुड्डू ने कहा कि हालांकि उन्हें भाजपा का भेजा कोई नोटिस नहीं मिला है। लेकिन उनके नाम नोटिस जारी किए जाने की खबर मिलने के बाद उन्होंने भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को पत्र लिखकर अपने बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी है।

पूर्व लोकसभा सांसद ने इस पत्र में कहा, मैं आपको (शर्मा) को याद दिलाना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश र्में 23 मार्च को भाजपा की सरकार बनने से पहले ही मैं नौ फरवरी को इस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे चुका हूं। इसके बाद कोरोना वायरस ने पूरे देश में दस्तक दी थी। लेकिन केंद्र सरकार इस महामारी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने के बजाय मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लिए परेशन लोटस चलाने में लगी हुई थी। उधर, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, गुड्डू के बारे में हमारी पार्टी की प्रदेश इकाई उचित निर्णय लेगी। 

बहरहाल, गुड्डू की ताजा बयानबाजी से इन कयासों को बल मिला है कि वह कांग्रेस में जल्द ही ‘घर वापसी’ करते हुए सांवेर विधानसभा सीट के आगामी उपचुनाव में इस पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। प्रदेश के नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों से चंद रोज पहले वह अपने पुत्र अजीत बौरासी के साथ कांग्रेस छो कर भाजपा के पाले में चले गए थे।

भाजपा ने इन चुनावों में अजीत को पड़ोसी उज्जैन जिले की घट्टिया सीट से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन गुड्डू के पुत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रामलाल मालवीय के हाथों चुनाव हार गए थे। 

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