इंदौर, मोतियाबिंद ऑपरेशनों के दौरान यहां एक निजी अस्पताल में कथित संक्रमण से दस मरीजों की आंखों की रोशनी बाधित होने का मामला सामने आया है। इसके बाद अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर सील कर दिया गया है और मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जडय़िा ने शनिवार को बताया कि आठ अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत इंदौर आई हॉस्पिटल में 13 मरीजों के मोतियाबिंद ऑपरेशन किए गए थे। इनमें से तीन मरीजों को ठीक होने के पश्चात निजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। लेकिन शेष 10 मरीजों ने आंखों की रोशनी बाधित होने की शिकायत की है।
जडय़िा ने कहा, पहली नजर में लगता है कि मोतियाबिंद ऑपरेशनों के दौरान कथित संक्रमण से मरीजों की आंखों की हालत बिगड़ी। संक्रमण के कारणों की जांच की जा रही है। अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने पर विचार किया जा रहा है।
बिगड़े मोतियाबिंद ऑपरेशनों के शिकार 10 मरीजों की उम्र 45 से 85 वर्ष के बीच है। इनमें शामिल रामी बाई (50) ने रुआंसे स्वर में कहा, मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। इस बीच, जिलाधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि निजी अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर सील कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि बेहतर इलाज के लिए सभी मरीजों को अन्य निजी अस्पताल में भेजा गया है। उन्हें रेडक्रॉस सोसायटी की मदद से सहायता राशि दी जा रही है। इंदौर, प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट का गृह नगर है। सिलावट ने मोतियाबिंद ऑपरेशनों के बिगडऩे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए इंदौर सम्भाग के आयुक्त (राजस्व) की अध्यक्षता में सात सदस्ईय समिति बनाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग जांच में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ उचित वैधानिक कदम उठाए जाएंगे। (एजेंसी)