इंदौर, मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने सूबे की कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार की स्थिरता पर गुरुवार को सवालिया निशान लगाया। उन्होंने कहा कि एक बीमार संतान कितने लंबे समय तक जी सकेगी।
भार्गव ने यहां संवाददाताओं से कहा, कांग्रेस के कई नेता कमलनाथ सरकार के कामकाज को लेकर असहमति व्यक्त करते हुए इस सरकार को चेता चुके हैं। लेकिन मुझे दुख है कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री जिस तरह की मौज-मस्ती की राजनीति कर रहे हैं, उससे मैं मानकर चलता हूं कि इनकी सरकार अल्पकालीन है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कमलनाथ सरकार के भविष्य को लेकर प्रश्न दागते हुए कहा, एक बीमार सन्तान कितने लंबे समय तक जी सकेगी? कांग्रेस ने बसपा और सपा के विधायकों और चंद निर्दलीय विधायकों को इधर-उधर से जमा कर प्रदेश में सरकार बनाई है।
ये लोग कितने समय तक सरकार का साथ देंगे? उन्होंने कहा, जिस दिन कमलनाथ मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, उसी दिन मालूम पड़ जाएगा कि कितने लोग सूबे की कांग्रेस सरकार के साथ हैं।
भाजपा के दो विधायकों-नारायण त्रिपाठी और शरद कोल द्वारा एक विधेयक को लेकर कमलनाथ सरकार का समर्थन कर अपनी पार्टी को झटका देने के बारे में पूछे जाने पर भार्गव ने कहा, त्रिपाठी और कोल अब भी भाजपा के सदस्य हैं और आगे भी रहेंगे।
शिवपुरी जिले के पिछोर क्षेत्र के कांग्रेस विधायक केपी सिंह द्वारा पार्टी के आला नेताओं और कमलनाथ सरकार के विरुद्ध बयानबाजी पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा, प्रदेश में भ्रष्टाचार तथा प्रशासनिक अराजकता को लेकर सिंह के कहे गए शब्द जनता के मन की बात है। उनकी आवाज एक वरिष्ठ कांग्रेसी की दर्द भरी आवाज है। कमलनाथ सरकार को सिंह जैसे मंजे हुए नेता की बात सुननी चाहिए।
भार्गव ने कहा कि उन्हें आशंका है कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार की लोकप्रियतौ से घबराई कमलनाथ सरकार नगरीय निकायों के आगामी चुनाव अनिश्चितकाल के लिए टालना चाहती है और महापौरों व नगर पालिका अध्यक्षों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराना चाहती है।
उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि नगरीय निकायों के चुनाव तय समय पर ही कराए जाएं। इसके साथ ही, महापौरों व नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से ही कराए जाएं, ताकि इन पदों पर निर्वाचन में जन प्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त की कोई गुंजाइश नहीं रहे। (भाषा)