इंदौर, मध्यप्रदेश की कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार के खिलाफ यहां प्रदर्शन के दौरान भाजपा के एक कार्यकर्ता द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्य द्वार पर चढ़कर क्रिकेट का बल्ला लहराने को लेकर विवाद शुरू हो गया। कांग्रेस ने इस घटना को लेकर विपक्षी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि भाजपा अराजकता की राजनीति करना चाहती है।
कमलनाथ सरकार की नीतियों और सत्तारूढ़ कांग्रेस की कथित वादाखिलाफी को लेकर भाजपा ने बुधवार को प्रदेश भर में “घंटानाद आंदोलन” किया। चश्मदीद लोगों के अनुसार आंदोलन के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर लगाए गए बैरिकेड लांघकर सरकारी भवन में बलपूर्वक घुसने का प्रयास किया। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर हालात पर काबू पाया।
प्रदर्शनकारियों के उग्र तेवरों के मद्देनजर पुलिसकर्मियों ने कलेक्ट्रेट परिसर का मुख्य द्वार बंद कर दिया। हंगामे के बीच, भाजपा का एक कार्यकर्ता परिसर के मुख्य द्वार पर चढऩे में कामयाब हो गया और उसने हवा में क्रिकेट का बल्ला लहराया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है।
कांग्रेस ने इस घटना को स्थानीय भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा इंदौर नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को बल्ले से सरेआम पीटने के बहुचर्चित मामले से जोड़ते हुए प्रमुख विपक्षी दल पर निशाना साधा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, “कलेक्ट्रेट परिसर के मुख्य द्वार पर बल्ला लहराया जाना बताता है कि अन्य भाजपा कार्यकर्ता भी आकाश की दिखाई अराजक राह पर चल पड़े हैं। भाजपा प्रदेश में गुंडई और अराजकता की राजनीति करना चाहती है।”
शुक्ला ने मांग की, “पुलिस और प्रशासन को बल्ला लहराने वाले भाजपा कार्यकर्ता की पहचान कर उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्वाई करनी चाहिए, ताकि आगे कोई भी व्यक्ति इस तरह सरकारी तंत्र को खुली चुनौती देने का दुस्साहस न कर सके।” भाजपा के जिस “घंटानाद आंदोलन” में बल्ला लहराए जाने की घटना सामने आई, उसमें पार्टी विधायक आकाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे।
हालांकि, 34 वर्षीय भाजपा नेता ने पार्टी कार्यकर्ता द्वारा बल्ला लहराए जाने के बारे में मीडिया के सवालों पर कहा, “मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है। मैं घटना का वीडियो देखने के बाद ही इस बारे में कुछ कह सकता हूं।”
शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के एक जर्जर मकान को ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान 26 जून को बड़ा विवाद हुआ था। इस दौरान आकाश ने नगर निगम के भवन निरीक्षक को बल्ले से पीट दिया था। भाजपा विधायक बल्ला काण्ड में गिरफ्तारी के बाद जिला जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र हैं और पहली बार विधायक बने हैं। (भाषा)