इंदौर नेत्र चिकित्सालय में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान कथित बैक्टीरिया संक्रमण से 11 मरीजों को दिखना बंद हो गया। इन मरीजों के आंखों की रोशनी जाने की आशंका है। मध्यप्रदेश सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को इस चिकित्सालय का पंजीयन निरस्त कर दिया। साथ ही अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर भी सील कर दिया गया है और मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है।
मालूम हो कि इसी चिकित्सालय में वर्ष 2010 में भी ऐसी ही घटना हुई थी जिसमें मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 18 मरीजों की आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई थी। इसके बाद इस चिकित्सालय का पंजीयन भी निरस्त किया गया था लेकिन बाद में फिर इस चिकित्सालय को अनुमति प्रदान कर दी गई थी।
इंदौर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जडय़िा ने बताया कि आठ अगस्त को राष्ट्रीय दृष्टिहीनता निवारण कार्यक्रम के तहत इंदौर नेत्र चिकित्सालय में 13 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। इनमें से तीन मरीजों को ठीक होने के पश्चात अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी लेकिन शेष 11 मरीजों ने आंखों की रोशनी जाने की शिकायत की।
जडय़िा ने कहा, पहली नजर में लगता है कि मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान या बाद में कथित बैक्टीरियल संक्रमण से मरीजों की आंखों की हालत बिगड़ी। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि इन मरीजों को ऑपरेशन के दौरान संक्रमण हुआ या ऑपरेशन के बाद। संक्रमण के कारणों की भी जांच की जा रही है।
उन्होंने बताया, मामले को गंभीरता से लेते हुए इंदौर नेत्र चिकित्सालय का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। इस चिकित्सालय को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है और एक महीने के अंदर जवाब मांगा गया है।
जडय़िा द्वारा इंदौर नेत्र चिकित्सालय को जारी आदेश में कहा गया है, आपके चिकित्सालय में दिनांक 8 अगस्त 2019 को किए गए मोतियाबिंद ऑपरेशन में 11 मरीजों की आंखों की रोशनी जाने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश नर्सिंग होम अधिनियम के तहत अनुज्ञप्ति निरस्ती की सूचना दी जाती है।
जडय़िा ने बताया कि बेहतर इलाज के लिए सभी मरीजों को चौइथराम अस्पताल में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इन मरीजों को देखने के लिए चेन्नई के शंकरा नेत्रालय से डॉ. राजीव रमण सहित दो डॉक्टर इंदौर आ रहे हैं। वे इन मरीजों की आंखों को ठीक करने का पूरा प्रयास करेंगे।
जडय़िा ने बताया कि उम्मीद है कि उन्हें फिर से दिखाई देने लगेगा। ए मरीज स्यूडोमोनास संक्रमण की चपेट में आए हैं। हम बैक्टीरिया के संक्रमण के लिए उनका उपचार कर रहे हैं। बिगड़े मोतियाबिंद ऑपरेशनों के शिकार 11 मरीजों की उम्र 45 से 85 वर्ष के बीच है। इनमें शामिल रामी बाई (50) ने रुआंसे स्वर में कहा, ैमुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।ै
वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्विटर पर लिखा, 9 वर्ष पूर्व इसी हॉस्पिटल में हुई घटना के बाद भी कैसे हॉस्पिटल को वापस अनुमति प्रदान की गई, जाँच करके प्रबंधन व दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो। इन सभी मरीज़ों के उपचार का ख़र्च शासन द्वारा वाहन करने के साथ ही प्रत्एक प्रभावित मरीज़ को 50-50 हज़ार रुपए की सहायता प्रदान करने के निर्देश (दिए गए हैं)।
इसी बीच, जिलाधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि निजी अस्पताल का ऑपरेशन थिएटर सील कर दिया गया है। इंदौर, प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट का गृह नगर है। सिलावट ने मोतियाबिंद ऑपरेशनों के बिगडऩे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए इंदौर सम्भाग के आयुक्त (राजस्व) की अध्यक्षता में सात सदस्ईय समिति बनाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग जांच में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ उचित वैधानिक कदम उठाए जाएंगे। (भाषा )