जबलपुर, 29 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद 45 वर्षीय एक महिला और उसकी 22 वर्षीय पुत्री ने कोरोना के गंभीर रुप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए अपने रक्त प्लाज्मा देने की पेशकश की है।
जिला कलेक्टर भरत यादव ने मंगलवार को पीटीआई भाषा को बताया कि महिला और उसकी बेटी में जबलपुर में सबसे पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि 20 मार्च को हुई थी और अब दोनों कोविड-19 की बीमारी से स्वस्थ हो चुकी हैं और दोनों ने भोपाल में कोरोना के गंभीर रुप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए अपने प्लाज्मा देने की पेशकश की है।
यादव ने कहा कि जिला प्रशासन कोविड-19 के गंभीर रोगियों का उपचार प्लाज्मा थेरेपी से शुरु करने का प्रयास कर रहा है। इस संबंध में जबलपुर स्थित शासकीय नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज ने इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्र्च आईसीएमआरी से प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग की अनुमति मांगी है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ पीके कासर ने कहा कि हमने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल की अनुमति के लिए आईसीएमआर से अनुमति के लिए संपर्क किया है। उन्होंने बताया कि फिलहाल प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल जले हुए लोगों के उपचार के लिए किया जाता है।