कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश रिपोर्ट
कोतवाली के दुबे कॉलोनी क्षेत्र में आज तड़के 3 से 4 बजे के बीच एक इंजीनियर के यहाँ हथियार बंद बदमाशों के द्वारा डकैती डाले जाने की घटना प्रकाश में आयी है। मकान की खिड़की के रास्ते अंदर घुसे 10 डकैतों ने इंजीनियर व उसके परिजनों को बंधक बना कर मारपीट शुरू कर दी और हथियार की दम पर अलमारी में रखे जेवर व नगदी लेकर चंपत हो गया। डकैतों के भागने के बाद पूरा परिवार काफी देर तक कमरों में बंधक बना रहा।
सुबह होने पर उन्होने सबसे पहले वारदात की जानकारी पड़ोसियों को दी। इसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। वारदात की सूचना मिलते पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार, कोतवाली प्रभारी शैलेष मिश्रा, माधवनगर थाना प्रभारी संजय दुबे व एनकेजे थाना प्रभारी रोहित डोंगरे भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए।मौका मुआयना करने के बाद पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने पुलिस टीम को मामले की गंभीरता से जांच करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। बहरहाल वारदात के संबंध में कोतवाली प्रभारी शैलेष मिश्रा ने बताया कि शहर घर, मकान व दुकान का नक्शा बनाने वाले आर्कीटेक्ट इंजीनियर शैलेष विश्वकर्मा दुबे कालोनी स्थित अपने आवास में अपनी पत्नी व एक पुत्र व एक पुत्री के साथ रहते हैं। विश्वकर्मा परिवार कलरात खाना-पीना करके देररात 12 बजे के लगभग गहरी नींद पर सो गया। इसीदौरान रात लगभग 3 से 4 बजे के बीच मकान की खिड़की के रास्ते आधा दर्जन से अधिक हथियार बंद बदमाश अंदर घुसे। मकान के अंदर किसी के घुसने की आहट शैलेष विश्वकर्मा को लगी तो कमरा खोलकर बाहर निकले। बताया जाता है कि शैलेष विश्वकर्मा के बाहर निकलते ही बदमाशों ने घातक हथियारों की दम पर पूरे विश्वकर्मा परिवार को बंधक बना लिया और फिर इसके बाद आलमारियों की चाबी मांगकर उनके अंदर रखी नगदी व गहने लेकर चंपत हो गए।
शरीर में पहने जेवर भी उतरवाए बदमाशों ने
एक जानकारी में कोतवाली प्रभारी ने बताया कि वारदात को अंजाम देते हुए बदमाशों ने पहले आलमारियों में रखी नगदी व जेवर निकाले और इसके बाद शैलेष सहित उनकी पत्नी के द्धारा शरीर में पहने हुए सोने व चांदी के सभी जेवरात भी उतरवा लिए। इतना ही नहीं आलमारी में रखे नगद रूपयों के अलावा बदमाश श्री विश्वकर्मा व उनकी पत्नी के पर्स में रखी नगदी को भी निकाला और चंपत हो गए। कोतवाली प्रभारी के मुताबिक डकैती की इस वारदात में बदमाश लगभग सवा लाख रूपए नगद व लगभग दो लाख रूपए कीमती सोने व चांदी के जेवर लेकर भागने में सफल रहे।
मुंह पर कपड़ा बांधे थे 10 डकैत
गृहस्वामी श्री विश्वकर्मा ने बताया कि डकैत लगभग 10 की संख्या में थे और मुंह में कपड़ा बांधे हुये थे, बात हिन्दी में कर रहे थे लेकिन किसी का नाम नहीं लिया और न ही पहचान समझ में आ पाई। हम इतने डर गये थे कि हमने उन्हें लॉकर और पैसे रखने का स्थान आदि सबकुछ बताते गये।
मुंह, हाथ व पैर बांध दिया वारदात को अंजाम
इंजीनियर शैलेष विश्वकर्मा के मकान में खिड़की के रास्ते घुसने के बाद बदमाशों ने हथियारों की दम पर पूरे विश्वकर्मा परिवार को बंधक बना लिया और बंधक बनाने के साथ ही उनके मुंह, हाथ व पैर तक बांध दिए। बताया जाता है कि बदमाशों के भागने के बाद काफी देरतक विश्वकर्मा परिवार ऐसे ही बंधक बना रहा।
फिंगर प्रिंट व खोजी कुत्ते की मदद ली पुलिस ने
आज सुबह वारदात की जानकारी लगने के बाद पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया और आरोपियों के संबंध में सुराग लगाने पुलिस ने खोजी कुत्ते व फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को भी मौके पर बुलाया। घटनास्थल में फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट ने जहां एक ओर मौका मुआयना करते हुए फिंगर प्रिंट लिए वहीं खोजी कुत्ता घटनास्थल से कुछ दूर मुख्य सड़क तक जाने के बाद लौट आया।
सीसीटीवी कैमरे का रिकार्डर भी ले गए बदमाश
माधवनगर थाना प्रभारी संजय दुबे ने बताया कि वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों के संबंध में इंजीनियर शैलेष विश्वकर्मा के लगे सीसीटीवी कैमरे कुछ मदद पुलिस की कर सकते थे लेकिन कैमरों की जांच से पता चला कि शातिर बदमाश नगदी व जेवरों के अलावा सीसीटीवी कैमरे का रिकार्डर भी निकालकर ले गए हैं।
डकैतों ने बच्चों के बैडरूम की खिड़की की सरिया तोड़कर एक दुबले पतले लड़के को सबसे पहले अंदर भेजा और फिर उसने जाकर ड्राइंगरूम का दरवाजा खोल दिया जिससे बाकी सब अंदर घुस आये। गृहस्वामी को आहट मिली तब उसने देखा कि कुछ लोग अंदर घुस आये हैं। कहीं नगदी नहीं छोड़ी गृहस्वामिनी को छुरा अड़ाकर डकैतों ने बार-बार पूछताछ की और पर्स तथा शैलेश की जेब में रखे 50 हजार और अन्य स्थान पर रखे 60 हजार भी निकाल लिये। बहुत सारी आर्टीशिफियल ज्वेलरी भी डकैतों ने उठाई लेकिन बाद में शंका होने पर वे तौलिये से बांधकर उसे वहीं फेंक गये।
घटना के बाद सुबह पुलिस ने दो बार डॉग लाकर उसकी मदद ली। पहली दफा डॉग घटना स्थल को सूंघने के बाद वह लगभग 1 किमी. दूर तक बैलट घाट की ओर गया इस दौरान वह महर्षि स्कूल होते हुए तुलसी नगर के आगे तक गया उसके बाद थाना प्रभारी शैलेष मिश्रा ने दोबारा घटना स्थल पर छूटे आरोपियों के रूमाल को बैलट घाट के समीप लेजाकर एक बार फिर डॉग को सुंघाया गया जिसके बाद खोजी कुत्ता आगे बढ़ा और साईं पुरम तक गया जहां पर एक निर्मित मकान में घुसा वह मकान किसी सुभाष जायसवाल का बताया जा रहा है जहां पर काम कर रहे मजदूरों से भी पुलिस ने पूंछताछ की है।
डकैतों ने लगभग डेढ़-दो घंटे तक आराम से डकैती की। घर में रखे कम्फर्टर को काटकाट कर उनके टुकड़ों से सभी को हाथ पैर और आंखों में पट्टी बांधी फिर हाथ में लिये बड़े छुरों की सहायता से शौलेश विश्वकर्मा की पत्नी संध्या के गले में छुरा अड़ाकर कहां कहां नगदी और जेवर रखे हैं पूछा और निकालते गये। बार-बार धमकी दे रहे डकैत बीच-बीच में अपने साथियों को यह भी सचेत कर रहे थे जिस काम से आये हैं उस पर ध्यान दो। इस बीच श्री विश्वकर्मा ने बताया कि दो बार सड़क से पुलिस सायरन बजाते हुये निकली जिसे मैंने सुना लेकिन कुछ कह नहीं पाया।जामुन खाये और कोल्ड डिंग पीडकैतों ने पूरी डकैती के दौरान फ्रिज में रखे कोल्डड्रिंक और पानी पिया, किचन में रखी जामुन भी खाई और एक बार गृहस्वामी को भी पीने के पानी बोतल उठाकर दी।
डकैती में 10 लोग शामिल थे सभी ने लोवर कैफरी टीशर्ट पहन रखा था एवं नकाब पहने थे इस दौरान डकैती करने वालों में एक तगड़ा व्यक्ति लगातार अपने साथियों से कह रहा था जो करने आये हो वह करो इस दौरान उसकी बोली टोन बंगाली लहजे की लग रही थी। उनमें से एक कुछ समय के लिय अपना नकाब चेहरे से आधा उतारा था जिसे गृहस्वामी ने देख लिया है। फिलहाल पुलिस स्केचर की मदद ले सकती है।
कुछ क्षेत्रों में पुलिस ने बढ़ाई चौकसी
घटना के बाद पुलिस ने आधार काप बैलटघाट प्रेमनगर, रोशन नगर में अपने चौकसी बढ़ा दी है एवं संदेहियों पर नजर रख रही है पुलिस को शंका है कि इन क्षेत्रों के आदतन आरोपियों द्वारा भी इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा सकता है।
दुबे कालोनी में यह तीसरी दफा डकैती की घटना घटी हैं और उसके बाद एक बार फिर उस क्षेत्र में दहशत फैल गई है। इससे पूर्व यहां पर 2003 में सचदेवा के यहां घटना घटी थी फिर 2 साल बाद 2005 में गड़ौदिया परिवार के यहां ऐसी घटना घटी थी इस दौरान डकैतों ने उद्योगपति गड़ौदिया के चौकीदार एवं कुत्ते की हत्या की थी। वहीं शैलेष विश्वकर्मा के यहां जो डकैती हुई उसमें शामिल बदमाश प्रोफेशनल लग रहे थे जो पूरी सावधानी के साथ बहतर तरीके से घटना को अंजाम देकर परिवार के हर सदस्य को अलग अलग कमरों में बंद करके फरार हो गये।
”घटना के बाद मेरे द्वारा मौका मुआयना किया गया एवं टीम बनाकर मामले की जांच के निर्देश दिये गये हैं।” – ललित शाक्यवार पुलिस अधीक्षक