KATNI : मंडी बोर्ड के आदेश के खिलाफ दाल मिल संचालकों की हड़ताल जारी, श्रमिकों सहित कलेक्ट्रेट पहुँच कर सौंपा ज्ञापन

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कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश
कृषि उपजमंडी बोर्ड द्वारा प्रसंस्करित दाल पर शुल्क पर छूट दी गयी है लेकिन आदेश के बावजूद कटनी कृषि उपजमंडी सचिव द्वारा दाल मिलों के निरीक्षण के लिये उडऩदस्ता दलों को भेजने से आक्रोशित दाल मिल संचालक तीन दिनों से हड़ताल पर है। आज उनके द्वारा रैली निकाल कलेक्ट्रेट जाकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में मंडी सचिव द्वारा जारी अव्यवहारिक आदेश को रद्द करने की मांग की गयी है।

तुअरदाल मिल संघ के अध्यक्ष चेतन हिंदूजा ने उक्त जानकारी देते बताया कि आज प्रात: 11 बजे सभी दाल मिल संचालकों व मिलों में काम करने वाले श्रमिकों का संयुक्त जुलूस निकाला गया। जुलूस के कलेक्ट्रेट पहुंचने पर एसडीएम को कलेक्टर के नाम पर ज्ञापन सौपा गया।

ज्ञापन में कहा गया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1 अगस्त 2018 को राजपत्र में जारी दिनांक से आगामी 1 वर्ष के लिये प्रदेश के बाहर से किसी मण्डी क्षेत्र में प्रसंस्करण उपयोग में लायी गयी अधिसूचित कृषि उपज उड़द, मूंग, तूअर, मसूर, मटर में मण्डी फीस के भुगतान से पूर्णत: छूट प्रदान की गई है छूट अवधि में ही दलहन का प्रसंस्करण करने की अनिवार्यता राज्य शासन द्वारा कभी नहीं रखी गई।

मध्यप्रदेश के दाल मिल उद्योग को राज्य शासन द्वारा प्रदेश के बाहर से आयतित दलहन पर मण्डी शुल्क में छूट पिछले कई वर्षों से दी जा रही है किन्तु पहले कभी इस तरह का नोटिस मण्डी प्रशासन द्वारा जारी नहीं किया गया है। वर्तमान में पूरे देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है ऐसी स्थिती में दाल मिल व्यापार मध्यप्रदेश में दिनों दिन घटता जा रहा है। मण्डी प्रशासन द्वारा इस तरह का नोटिस दाल व्यापारियों को दिया जावेगा तो निश्चित ही दाल उद्योग समाप्त हो जायेगा। मण्डी सचिव द्वारा जो पत्र जारी किया गया है उसमें उडऩदस्ता दल को गठित कर दाल मिलों का निरीक्षण करने का आदेश जारी किया गया है जिससे की आज पूरे कटनी जिले में लगभग 300 दाल मिलों में भय का वातावरण व्याप्त हो चुका है।

ज्ञापन में कहा गया कि दाल मिल उद्योग में यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है की प्रत्येक दाल मिल उद्यमी द्वारा अपनी प्रसंस्करण क्षमता के अनुसार लगभग 1 माह का कच्चा माल स्टॉक करके चलता है एवं वर्तमान में व्यापार में आ रही अनिश्चितता के कारण दाल में बिक्री का आभाव बना हुआ है इस कारण से दाल मिलों में कच्चे मालों की अधिक्ता होना स्वभाविक है। अत: उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाये। ज्ञापन सौपने के दौरान तुअरदाल मिल संघ के अलावा अन्य संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।

चेंबर ऑफ कामर्स ने दिया समर्थन

चेंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पवन मित्तल, सुधीर मिश्रा, गोविंद सचदेवा, सुरेंद्र जायसवाल, मोहन बत्रा, मुरलीधर रतनानी ने आज धरना स्थल जाकर तुअरदाल मिल संचालकों से भेट की और उनकी मांग  का समर्थन करते हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

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