आशा कार्यकर्ता के विरोध पर महिला चिकित्सक ने कहा कहा डील के बाद रिश्तेदारी निकालती हो
कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश
राज्य सरकार द्वारा शासकीय चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों के नि:शुल्क उपचार व दवाईयों का वितरण करने की व्यवस्था जरूर की है लेकिन कटनी जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को इनका लाभ पाना टेढ़ी खीर बना हुआ है। स्थिति यह है कि जिला अस्पताल में नि:शुल्क प्रसव कराने के लिये आने वाली महिलाओं के परिजनों को दलालों के द्वारा तरह-तरह का भय दिखाकर राशि की मांग कर आप्रेशन कराने के लिये बाध्य किया जाता है जिला अस्पताल में चिकित्सकों के निजी कर्मचारी घूमकर ऐसे मरीजों के परिजनों से ढील करते है जिला अस्पताल में चल रहे इस गोरखधंधे की आज एक आशाकार्यकत्र्ता ने पोल खोलते हुए आरोप लगया कि महिला चिकित्सक के कर्मचारी मरीज के परिजन से डील कर जब रूपये डाक्टर को देते है तभी आप्रेशन होता है।
जिला अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था का क्या हाल है इसका नमूना आयेदिन होने वाले हंगामे व घटनाओं से देखने को मिलता है। कल ही एक महिला की प्रसव के दौरान हुई मौत के मामले में संजीवनी वाहन की लापरवाही सामने आने पर हंगामा हुआ। वहीं आज एक महिला के प्रसव के लिये आप्रेशन करने डॉ. द्वारा साढ़े पांच हजार रूपये की राशि मांगी जाने का नया मामला सामने आया है। गीता चक्रवर्ती नामक एक आशा कार्यकत्र्ता ने मीडिया के समक्ष जिला अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक पर पैसे लेकर आप्रेशन करने का आरोप लगाया।
स्थिति गंभीर बता आप्रेशन के लिये बाध्य किया
नदी पार क्षेत्र निवासी शिवचरण चक्रवर्ती ने आशा कार्यकत्र्ता के अरोप का समर्थन करते हुए मीडिया के समक्ष बताया कि उसकी पत्नि शीला चक्रवत्र्ती 26 वर्ष को प्रसव के लिये 15 जुलाई को जिला अस्पताल में भत्र्ती कराया गया था। शीला की जांच करने वाली डॉ. हर्षिता गुप्ता ने परिक्षण कर यह बताया था कि अधिक पानी जाने के कारण शीला की स्थिति गंभीर है अत: सामान्य प्रसव संभव नहीं है आप्रेशन कराना पड़ेगा। शिवचरण ने बताया कि डॉ. के कहने पर उसके द्वारा पत्नि का कचहरी चौराहे स्थित सोनोग्राफी सेन्टर में सोनोग्राफी भी कराई गई थी। विदित हो कि जिला अस्पताल में भी सोनोग्राफी सेन्टर है जहां मामूली शुल्क पर सोनोग्राफी की सुविधा है।
5500 रूपये लिये फिर मांगे 5 हजार
शिवचरण के अनुसार सोनोग्राफी की रिपोर्ट मिलने के बाद डॉ. ने आप्रेशन करना जरूरी बताते हुए 5500 रूपये की मांग की। उसके द्वारा एटीएम से रूपये निकालकर 5500 रूपये दिये गये। थोड़ी देर बाद रक्त की कमी बताते हुए रक्त के लिये 5000 रूपये और मांगे गये। शिवचरण ने जब यह कहा कि जिला अस्पताल में रक्त नि:शुल्क मिलता है तो उसे कहा गया कि रक्त ले आओ। शिवचरण द्वारा रक्त की व्यवस्था की उसके बाद आप्रेशन हुआ और बच्चे का जन्म हुआ।
डॉक्टर की कर्मचारी करती है डील
आशाा कार्यकत्र्ता गीता चक्रवर्ती जो कि प्रसूता की रिश्तेदार है ने मीडिया के समक्ष आरोप लगया कि महिला चिकित्सक के निजी क्लीनिक में पदस्थ नर्स जिला अस्पताल में आकर ऐसे मरीजों के परिजनों से डीलिंग करती है और जब उसके द्वारा डॉ. को रूपये दिये जाते है तभी आप्रेशन होता है। विदित हो कि जिला अस्पताल में अक्सर आशा कार्यकत्र्ताओं का जमघट लगा देखा जाता है जबकि नियम है कि आशा कार्यकत्र्ता अपने साथ लायी मरीज की पर्ची कटाकर वापस लौट जायें। लेकिन ऐसा नहीं होता आशा कार्यकत्र्ताओं द्वारा मरीज के परिजनों को बाहर से दवाई खरीदने के लिये बाध्य भी किया जाता है। विगत माह ऐसा ही एक मामला सामने आने पर सिविल सर्जन द्वारा मरीज के परिजनों द्वारा खरीदी दवाई वापस करवा उसे उसे राशि दिलवाई थी।
6 हजार लेकर कराया था प्रसव-आरोप
गीता चक्रवत्र्ती नामक आशा कार्यकत्र्ता ने मीडिया के सामने यह भी आरोप लगाया था कि 21 जून को अपनी कर्मचारी के माध्यम से डाक्टर ने 6 हजार रूपये लेकर झुकेही निवासी सुनीता कुम्हार का प्रसव कराया। उसके द्वारा चिकित्सक से बात करने पर उसे 200 रूपये देकर शांत करने का प्रयास किया गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि कहीं भी शिकायत करो तो कुछ फर्क नहीं पड़ेगा!
“मरीज के परिजनों को रक्त लाने को कहा गया था लेकिन उसका पति व घर वाले उल्टा धमकाने लगे कि अस्पताल में सब फ्री है तो रक्त की व्यवस्था हम क्यों करें और उसके बाद उन्होंने देख लेने की धमकी दी थी इसी वजह से उन्होंने मुझ पर झूठे आरोप लगाये हैं। मैंने पैसे नहीं लिये।” – डा. हर्षिता गुप्ता, महिला चिकित्सक
“ऑपरेशन के नाम पर चिकित्सक द्वारा साढ़े पांच हजार रूपये लेने के मामले में चिकित्सकों की टीम गठित कर गंभीरता से जांच करायी जायेगी। 7 दिवस के अंदर रिर्पोट आने पर कार्यवाही की जायेगी।” – डा. सतीश शर्मा, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय
“जिला चिकित्सालय में एक महिला चिकित्सक के द्वारा प्रसव के दौरान ऑपरेशन के नाम पर पैसे लेने का मामला मीडिया के द्वारा पता चला है मामले की गंभीरता से जांच कराकर दोषियों के विरूद्घ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।” – एस बी सिंह, जिला कलेक्टर