कटनी दैमप्र
दुबे कालोनी निवासी इंजीनियर शैलेश विश्वकर्मा के घर में 4 जुलाई की देर रात हुई डकैती की घटना के आरोपियों के बारे में पुलिलस 30 घंटे से अधिक का समय बीतने के बाद भी कोई सुराग हासिल नहीं कर पायी है। आरोपियों की तलाश में जिले के बाहर पुलिस टीमें भेजी गयी हैं वहीं कोतवाली पुलिस होटल व लॉजों की तलाशी लेने के साथ संदेहियों को पकड़कर पूछताछ की जा रही है लेकिन अब अभी भी पुलिस के हाथ खाली हैं।
कोतवाली प्रभारी शैलेष मिश्रा का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है डकैत लोकल नहीं बाहरी थे ऐसा इसलिये माना जा रहा है कि हमे स्थल के पास जो पानी की खाली बोतल मिली है वह रेल स्टेशनों में ही मिलती है। श्री मिश्रा ने बताया कि कॉलोनियों व स्टेशन के आसपास लगे सीसी टीवी कैमरों की मदद हमने ली थी जिसमें एक फुटेज में आरोपी जाते दिखे वहीं स्टेशन के पास कैमरे में भी 8-10 संदेही नजर आये थे।
रेकी के बाद वारदात को दिया अंजाम
मामले की जांच कर रहे कोतवाली प्रभारी श्री मिश्रा व माधवनगर थाना प्रभारी संजय दुबे के अनुसार इस वारदात को करने के पहले आरोपियों ने रैकी की थी और एक कैमरे में दो युवकों के चित्र आये हैं। श्री मिश्रा का कहना था कि लुटेरे ना केवल श्री विश्वकर्मा के मकान में दो-तीन की संख्या में आये थे बल्कि इसी तरह एक-एक कर निकले भी थे ताकि अधिक संख्या देखे जाने पर किसी को संदेह न हो।
अनुमान से कम राशि मिली
डकैतों द्वारा वारदात करने से पहले इंजीनियर श्री विश्वकर्मा के घर की रैकी किये जाने से यह प्रतीत होता है कि उनके द्वारा योजना बनाकर अपराध को अंजाम दिया था। डकैतों को उम्मीद थी कि इंजीनियर होने के कारण घर में काफी माल होगा इसलिये उन्होंने अपराध को अंजाम दिया पर उनके हाथ सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपये ही आये। संभवत: यही कारण है कि उन्होंने श्रीमती विश्वकर्मा के पर्स में रुपये भी नही छोड़े थे।