कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश
जिले में चंदन के पेड़ कम संख्या में लगे हैं लेकिन जो लगे भी हैं उन पर चोर उच्चकों की नजर इसलिये पड़ गयी है क्योंकि चंदन की लकड़ी बेशकीमती होती है। गत रात्रि एनकेजे थाना क्षेत्र के ग्राम सरसवाही में एक कृषक के खेत में लगा चंदन का एक पेड़ काट ले गया व दूसरा आधा कटा छोड़ गया। आज सुबह ग्रामीण को जब इन कीमती पेड़ों के कटने की जानकारी मिली तो उसके द्वारा वन विभाग को शिकायत की गयी। विभाग ने उसे एन के जे जाने को कहा लेकिन थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज करने की बजाय फिर वन विभाग भेज दिया।
घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम सरसवाही निवासी सचिन वल्द अशोक उपाध्याय के ग्राम स्थित खेत में चंदन के पेड़ लगे हैं। 15 से 20 वर्ष पूर्व श्री उपाध्याय द्वारा लगाये चंदन के पेड़ समय गुजरने के साथ वयस्क हो गये हैं चूंकि इन पेड़ों की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी अत: चंदन की लकड़ी की कीमत जानने वालों ने गत रात्रि मौका देखकर इन वृक्षों का कत्लेआम किया।
मशीन से काटा जाता है पेड़
बताया जाता है कि चंदन के पेड़ जो कि देश के दक्षिणी राज्यों विशेषकर कर्नाटक में सर्वाधिक मात्रा में पाये जाते हैं की लकड़ी काफी मजबूत व कीमती होती है अत: उसे मशीन से ही काटा जाता है बताया जाता है कि सचिन उपाध्याय के खेत में लगे जिन डेढ़ पेड़ों की चोरी हुई है उन्हें भी चोरों द्वारा मशीन से ही काटा गया है। चोर तो पूरे दोनों पेड़ ही काट ले जाते लेकिन संभवत: सुबह होने के कारण पकड़े जाने के भय से वे एक पेड़ पूरा काटने के बाद दूसरा पेड़ आधा काटकर ही छोड़ गये। विदित हो कि चंदन के वयस्क पौधे से डेढ से दो किलो तेल निकलता है वहीं उसकी लकड़ी।
दर्ज नहीं शिकायत, पेड़ कैसे होगा बरामद
बताया जाता है कि आज सुबह घटना की जानकारी मिलने पर कृषक ने वन विभाग को सूचना दी तो विभाग से एक दलल जरूर आया लेकिन उसका आना सिर्फ निरीक्षण कर सीमित रहा वह कृषक को एनकेजे थाने में शिकायत करने की बात कहकर चला गया। बताया जाता है कि जब कृषक थाने शिकायत करने पहुंचा तो पुलिस ने यह कहकर लौटा दिया कि मामला वन विभाग से संबंधित है वहीं शिकायत करो। पुलिस व वन विभाग द्वारा शिकायत दर्ज न करने से कृषक के चोरी गये चंदन के पेड़ का सुराग मिलना मुश्किल सा लग रहा है।
5-6 हजार रुपये किलो है कीमत
विदित हो कि चंदन की लकड़ी का उपयोग सौंदर्य प्रसाधन सामग्री परफ्यूम, इत्र बनाने के अलावा सजावट की सामग्री बनाने में किया जाता है। यही कारण है कि इसकी कीमत 5 से 6 हजार रुपये किलो रहती है। इसके अलावा एक वयस्क पेड़ से अनुमानत: 10 से 15 किलो लकड़ी मिली है