KATNI : मिशन चौक फ्लाई ओवर ब्रिज : हर महीने तीन लाख से अधिक का सेतु निर्माण निगम को लग रहा करंट

Share this news

19 माह बीतने के बाद भी नगर निगम की उदासीनता के चलते हैंडओवर नहीं हुआ पूल, पत्राचार के साथ दफ्तर के चक्कर काटने से बढ़ी परेशानी , खिरहनी फाटक ओवर ब्रिज भी 13 वर्ष से अनाथ

कटनी दैनिक मध्यप्रदेश न्यूज़। शहर में 2022 में मिशन चौक पर फ्लाई ओवर ब्रिज की सौगात मिल चुकी है और नागरिक इसका लाभ भी उठा रहे हैं परंतु निमार्ण एजेंसी ब्रिज निर्माण पूरा करने के बाद नगर निगम ब्रिज को हैंड ओवर लेने में रुचि ही नहीं ले रहा है।कटनी के प्रमुख विकास में शामिल मिशन चौक का पुल वैसे तो नगर निगम की संपत्ति है नगर निगम की स्वीकृति के बाद ही निमार्ण की आधार शिला रखी गई और फिर मुख्यमंत्री के कर कमलों से यह पुल उद्घाटित हुआ लेकिन अब नगर निगम अपनी ही संपत्ति को लेने में इतनी देरी क्यों कर रहा है यह समझ से परे है।ब्रिज नगर निगम के हैंड ओवर नहीं होने के कारण सेतु निर्माण निगम को
हर महीने 3 लाख रुपए का बिजली बिल रूपी करंट लग रहा है और यह भार सेतु निमार्ण निगम को नगर निगम की उदासीनता के कारण पड़ रहा है क्योंकि नगर निगम में ब्रिज हैंड ओवर करने संबंधी फाइल 16 महीने से धूल खा रही है अफसर इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं जिसका खामियाजा निमार्ण एजेंसी को हर महीने भुगतना पड़ रहा है। नियमों की बात की जाए तो निर्माण पूर्ण होने के बाद निर्माण एजेंसी विकास कार्य को संबंधित विभाग के सुपुर्द कर देता है लेकिन इधर ब्रिज को नगर निगम अपने आधिपत्य में लेने में आनाकानी कर रहा है। सूत्रों की माने तो सेतु निर्माण निगम कटनी नगर निगम की कार्यप्रणाली से काफी परेशान है। यही स्थिति खिरहनी फाटक ओवर ब्रिज की है, जानकर ताज्जुब होगा कि 2012 में यह ब्रिज बनकर तैयार है लेकिन नगर निगम हैंड ओवर लेने के बाद पुल की धूल डस्ट और जाले भी नहीं हटाए हैं अगर ब्रिज में रंग रोगन कर दिया जाए तो पुल की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे लेकिन नगर निगम अपनी ही संपत्ति को सुरक्षित साफ सुथरा रखने में पूरी तरह नाकाम नजर आ रहा है।

85 करोड़ से निर्मित हुआ है ब्रिज

बता दें कि मिशन चौक फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण साढ़े 85 करोड़ रुपए में 21 दिसंबर 2018 से शुरू हुआ और 30 मार्च 2022 को पुल बनकर तैयार हो गया। वैसे दावा किया गया है कि मिशन चौक में बना फ्लाई ओवर ब्रिज प्रदेश का सबसे ऊंचा ब्रिज है लेकिन इसकी देखरेख में हद दर्जे की लापरवाही देखने को मिल रही है नगर निगम ब्रिज को अपने आधिपत्य में लेने तैयार ही नहीं हो रहा है और ऐसा क्यों हो रहा है इसको लेकर कोई ठोस वजह भी नहीं बता रहा है केवल नियमों का आधार बनाकर मामले को टाला जा रहा है।

अब तक लग चुके 20 लाख से अधिक

मिशन चौक फ्लाई ओवर ब्रिज में बीते 19 महीने के दौरान लगभग 20 लाख रुपए से अधिक बिजली बिल पर लग चुके हैं ।सेतू निर्माण निगम के मुताबिक जब अनुबन्ध हुआ था उस समय ब्रिज निमार्ण के बाद नगर निगम को इसकी देखकर करनी थी लेकिन नगर निगम ने इसे अपने आधिपत्य में लिया ही नहीं और हर महीने औसतन तीन लाख रुपए बिजली बिल का सेतु निर्माण निगम को अतिरिक्त करना पड़ रहा है।

खिरहनी फाटक ओवर ब्रिज में भी यही स्थिति

नगर निगम की लापरवाही और मनमानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कटनी में बने पहले खिरहनी फाटक ओवर ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका था और 13 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन अभी तक उसकी धूल डस्ट और जाले तक नहीं हटाए गए हैं देखरेख साफ सफाई के अभाव में ब्रिज उपेक्षित पड़ा है । कटनी के दोनों बड़े पुलों की देख देख करने से नगर निगम बचता नजर आ रहा है जिस वजह से पुल तो मजबूती से खड़े हैं लेकिन रंग रोगन नहीं होने से इनकी रौनक घट गई है। खिरहनी फाटक पुल निर्माण में तो लगभग तीन करोड़ रु. नगर निगम का अंशदान लगा है फिर भी नगर निगम अपनी ही प्रापर्टी को अपने आधिपत्य में नहीं ले रहा है।

इनका कहना है

“सेतु निमार्ण निगम को अगर मिशन चौक पर बने फ्लाई ओवर ब्रिज को नगर निगम को सौंपना है तो विभाग आकर प्रयास करे जब तक ब्रिज हैंडओवर नहीं होता तब तक देखरेख की जिम्मेदारी उनकी है, रही बात खिरहनी फाटक ओवर ब्रिज की तो वह काफी पुराना मामला है मुझे इस बारे कुछ पता नहीं है।”

विनोद शुक्ला
आयुक्त नगर निगम

इनका कहना है

“मिशन चौक पर बना फ्लाई ओवर ब्रिज नगर निगम का है और हमारे द्वारा उसे बनाकर हस्तांतरण के लिए फाइल भेज दी गई है लेकिन नगर निगम ने अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की है और यही स्थिति 13 वर्ष पूर्व निर्मित खिरहनी फाटक ओवर ब्रिज की है।”

नरेंद्र शर्मा

कार्यपालन यंत्री , सेतू निर्माण निगम

About Post Author

Advertisements