KATNI : आई गजानन के विदाई की बेला, कुंड के बाद भी नदी में विसर्जन

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KATNI NEWS / कटनी दैनिक मध्यप्रदेश न्यूज़ | आज अनंत चतुर्दशी पर्व है और आज ही दस दिवसीय गणेशोत्सव पर्व का समापन हो रहा है। गणेश उत्सव के समापन दिवस पर प्रात: से नगर व उपनगरीय क्षेत्र में गणेश मंडपों में पूजा अर्चना, हवन इत्यादि कार्यक्रम चलते देखे जा रहे थे। वहीं घरों में रखी गणेश प्रतिमाओं को भी पूजा अर्चना के बाद नदी घाटों में लाकर विसर्जन शुरू हो गया। देखा गया कि एनजीटी के निर्देश पर बनाये गये घाटों के पास कुंडों के बाद भी लोग नदी में प्रतिमाएं विसर्जित कर रहे थे और घाट पर कर्मचारी आराम से बैठा प्रतिबंध की धज्जिया उड़ते देख रहा था। 

गणेश चतुर्थी से प्रारम्भ दस दिवसीय गणेश उत्सव में इस बार नगर व उपनगरीय क्षेत्रों में अन्य वर्षों की तरह पर्व की धूम कम नजर आयी वहीं स्थापित प्रतिमाओं की संख्या में भी कमी आयी है।

एक सैकड़ा प्रतिमाएं

पुलिस कंट्रोल रूम से जिले में स्थापित गणेश प्रतिमाओं की सूची न उपलब्ध होने से अधिकृत तौर पर पता नही चल सका कि कुल कितनी प्रतिमाएं स्थापित है। अपुष्टï जानकारी के मुताबिक नगर व उपनगरीय क्षेत्रों में लगभग एक सैकड़ा छोटी-बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना की गयी थी जबकि पिछले वर्ष 123 गणेश प्रतिमाएं स्थापित हुई थी।

गणेश चौक से निकलेगा जुलूस

दशकों से चली आ रही परंपरा के तहत गजानन गणेश का विसर्जन जुलूस सायं काल गणेश चौक से निकलेगी। जुलूस में बैंड-बाजे, अखाड़े भजन मंडलियों के अलावा गणेश प्रतिमाओं व झाकियों के वाहन शामिल रहेंगे। जुलूस मेनरोड स्थित दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर के पास रूकेगा जहां पुजारी आनंद महाराज द्वारा भगवान विघ्नविनाशक की पूजा अर्चना व आरती की जायेगी जहां से जुलूस कटनी नदी के लिये रवाना होगा।

गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन जुलूस के लिये नगर निगम प्रशासन द्वारा जहां समूचे जुलूस मार्ग की साफ सफाई, प्रकाश की व्यवस्था करने के साथ पेयजल के भी प्रबंध किये गये है वहीं नदी घाटों में भी कर्मचारियों को तैनात किया गया है ताकि वे लोगों से कुंडों में ही प्रतिमाओं का विसर्जन कराये। इसके अलावा पुलिस बल भी घाटों पर मौजूद देखे गये।

8 कुंडों का निर्माण

एनजीटी के निर्देश पर नदियों में पीओपी से निर्मित प्रतिमाओं पर विसर्जन रोकने के लिये नगर निगम द्वारा सीमा क्षेत्र में नदियों के किनारे 8 कृत्रिम कुंडों का निर्माण कराया गया है। जानकारी के अनुसार कटनी नदी के मसुरहा, मोहन घाट व गाटरघाट के अलावा बाबाघाट, मंगलनगर छपरवाह, माई नदी, जुहला रपटा, पीरबाबा के समीप कृत्रिम कुंडों का निर्माण किया गया है।

घाटों पर तैनाती औचित्यहीन साबित

गौरतलब हो कि नदी तालाबों के पानी के प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित प्रतिमाओं के विसर्जन से प्रदूषित होने की समस्या को देखते हुए एनजीटी द्वारा एक दशक पूर्व नदी तालाबों में प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगा दी गयी थी। एनजीटी के निर्देश पर प्रदेश के अन्य शहरों की तरह कटनी में भी नगर निगम द्वारा नदी घाटों के पास कुंडों का निर्माण कराने के साथ वहां प्रतिमाओं का विसर्जन सुनिश्चित करने की बात कहीं गयी थी। लेकिन देखा गया कि नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन रोकने के लिए नगर निगम द्वारा घाटों में कर्मचारियों की तैनाती करने के बाद भी कुंड की जगह नदी में विसर्जन होता देखा जा रहा है जिससे ना केवल प्रतिबंध की अवहेलना हो रही है बल्कि आयुक्त द्वारा की गयी घोषणा के बाद भी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आ रही है। 

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