कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश
हत्या के एक मामलें में जिला न्यायालय ने मंगलवार की दोपहर हत्यारे को आजीवन कारावास एवं 1 हज़ार रूपये के अर्थदंड से दण्डित किया है, मामले में शासन की ओर से अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री धर्मेंद्र सिंह तारण द्वारा पैरवी की गयी, उनके द्वारा न्यायलय के समक्ष पेश किये गए साक्ष्य एवं तर्कों के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है उपरोक्त मामले में लोक अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार हत्या करने की वजह मृतक धनीराम आरोपी की पत्नी को अपने पास रख लिया था जिसके बाद आरोपी मृतक से रंजिश रखने लगा था
माननीय न्याायालय विशेष न्यायाधीश एस सी/एस टी जिला न्यायालय कटनी से प्राप्त जानकारी अनुसार मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 27 फरवरी 2016 को ग्राम मोहनिया के प्रहलाद सिंह गोंड को गॉंव के प्रेम सिंह ने रात 10 बजे करीब सूचना दी कि-” तुम्हारा भाई धनीराम की हत्या हो गई है और उसका शव खेत की झोपडी में पडा है”, उक्त सूचना पर प्रहलाद सिंह अपनी मॉं पार्वती बाई एवं मृतक धनीराम के भाई कमल सिंह के साथ जाकर देखा तो धनीराम का शव झोपडी में खून से लथपथ पडा था, उक्त घटना की सूचना प्रहलाद सिंह ने तत्काल पुलिस को दी, पुलिस ने मौके पर आकर प्रहलाद सिंह की सूचना पर मर्ग कायम कर जॉंच शुरू की एवं अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना के दौरान साक्षीगण अनारी सिंह, प्रहलाद सिंह, कमलू उर्फ कमलेश, पार्वती बाई, गंगा बाई व अन्य साक्षियों के कथन लेखबद्ध किए गए, विवेचना में आए साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त सुकरत सिंह पिता रनधीर सिंह ध्रुवे उम्र 40 वर्ष निवासी नउआपटी थाना रीठी से 09 मार्च 2016 को उसके आधिपत्य से एक मोबाईल, एक बनियान उसके बदन से उतारकर जप्त किया गया। अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसके बताए अनुसार जुजावल ग्राम रोड पर पुलिया के पास झाडियों से हत्या में प्रयुक्त बका जब्त किया गया। विवेचना पूर्ण होने पर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री धर्मेन्द्र सिंह तारण द्वारा पैरवी की गई। श्री तारण द्वारा प्रस्तुत विधिक तर्को व प्रकरण में आए साक्ष्यों के आधार पर माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश एस सी/एस टी जिला न्यायालय कटनी के द्वारा आरोपी सुकरत सिंह पिता रनधीर सिंह ध्रुवे उम्र 40 वर्ष निवासी नउआपटी थाना रीठी को धारा 302 भादवि में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 1000 रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।