बड़वारा थाना क्षेत्र के ग्राम कांटी में पिछले वर्ष हुई थी वारदात ,प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कटनी धरमिन्दर सिंह राठौड़ ने सुनाया फैसला
कटनी दैमप्र। बड़वारा थाना क्षेत्र के ग्राम कांटी में पिछले वर्ष अपनी मां की हत्या करने वाले कलयुगी पुत्र को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कटनी धरमिन्दर सिंह राठौड़ द्वारा घोषित अपने निर्णय में आरोपी रोशन बर्मन उम्र 23 वर्ष को धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास की सजा एवम 5000 रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से लोक अभियोजक रजनीश सोनी के द्वारा पैरवी की गई।
मीडिया सेल प्रभारी सुरेन्द्र गर्ग द्वारा बताया गया कि फरियादी प्रेम लाल बर्मन द्वारा थाना बड़वारा में उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट लिखाई गई कि वह ग्राम कांटी में पत्नी एवं लड़के रोशन बर्मन के साथ रहता है। 21जुन 2022 को रात 9 बजे वह उसकी पत्नी को घर पर छोडकर चौकीदारी करने चला गया था। उसका लड़का काम से देर रात में शराब पीकर आता था, खाना घर में खाता था, जो घटना दिनांक को सुबह 4 बजे आकर उसे बताया कि अम्मा घर पर नहीं है, घर चलो। तब वह लड़के से बोला कि रूक मैं चलता हुं लेकिन तब तक लड़का कहीं चला गया। तब वह अकेले घर पर आकर देखा कि पत्नी खटिया में चित्त पडी थी, उसके उपर कंबल ओढाया हुआ था, चेहरा दिख रहा था, तब आवाज देकर बुलाया, जो नहीं बोली, तो कंधा पकड़ कर हिलाया, लेकिन पत्नी के शरीर में कोई हरकत नहीं हुई, तब वह ग्राम कोटवार एवं एक व्यक्ति को बुलाकर घर लाया, जो आकर देखे और बोले कि तुम्हारी पत्नी खत्म हो गई है। तब उसे लगा कि लडके रोशन ने उसकी पत्नी के साथ झगडा कर मारपीट किया होगा, क्योंकि पत्नी के दाहिने आँख के पास मारने का काला निशान दिख रहा है, गले के पास खरोंच तथा पीठ में लाठी जैसे मारने के निशान दिख रहे हैं तथा पत्नी के बाल टूटे पडे है तथा चूडियां व गले की माला टूटी पड़ी है। फरियादी की उक्त रिपोर्ट के आधार पर धारा 174 जा.फौ. के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए जांच प्रारंभ की गई। उक्त जांच के आधार पर आरोपी रोशन बर्मन के विरुद्ध थाना बडवारा में धारा 302 भादंवि का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। तदुपरांत प्रकरण में विचारण के दौरान प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कटनी धरमिन्दर सिंह राठौड़ के द्वारा आरोपी रोशन बर्मन को धारा 302 भादंवि में आजीवन कारावास एवं 5000 रू. अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं अर्थदण्ड की राशि जमा न करने पर 1 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास का निर्णय भी पारित किया गया ।