भोपाला/खरगोन, 1 अप्रैल जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर धरगांव के 65 वर्षीय एक मरीज की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के बाद जिला प्रशासन ने गांव के आसपास के तीन किलोमीटर के इलाके को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। धरगांव के निवासी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि बुधवार को हुई थी। इस मरीज के मौत के साथ मध्यप्रदेश में इस घातक महामारी से मरने वालों की संख्या 6 हो गई है। प्रदेश में अब तक 86 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। जिले में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने इस संक्रमण को फैलने से रोकने की तैयारियां शुरु कर दी हैं।
खरगोन के जिलाधिकारी गोपालचंद्र डाड ने बुधवार को पीटीआई भाषा को बताया, “हमें इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की एक प्रयोगशाला से मिली जांच रिपोर्ट से पता चला है कि धरगांव का 65 वर्षीय पुरुष कोरोना वायरस से संक्रमित था। इस व्यक्ति की तीन दिन पहले ही इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव होलकर चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।”
उन्होंने बताया, “मरीज को सांस लेने में तकलीफ के चलते खरगोन जिले के एक अस्पताल में हाल ही में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर उसे रविवार को इंदौर के सरकारी अस्पताल भेज दिया गया था।” डाड ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद दम तोड़ने वाला मरीज कैंसर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और सांस की बीमारी से पहले ही पीड़ित था। वह खरगोन जिले का पहला कोरोना वायरस संक्रमित मरीज था।
इसबीच, जिलाधिकारी ने धरगांव के तीन किलोमीटर के इलाके को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसके अलावा पांच किलोमीटर के आसपास के इलाके को बफर जोन बनाया गया है। इस क्षेत्र में परिवहन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है तथा इलाके में रहने वाले सभी लोग पृथक रहेंगे। जिला प्रशासन संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर रहा है तथा गांव में मेडिकल टीम को तैनात किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार सूबे में अब तक कुल 86 लोग कोरोना वायरस संक्रमण की जद में आए हैं। इनमें इंदौर के सर्वाधिक 63 मरीज शामिल हैं। इसके अलावा, जबलपुर के आठ, उज्जैन के छह, भोपाल के चार और शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो मरीजों में भी इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। (भाषा)