PANNA : सरकारी पेंशन हुई बंद, आदिवासी माँ-बेटी अब भूखे मरने की कगार पर

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पन्ना, ग्राम पंचायत रहुनियॉं की ग्राम गुढ़ा की एक मॉं बेटी की कहानी किसी को भी असहज कर सकती है। सरकार की हकदारी वाली सामाजिक सहायता की पात्र कल्याणी महिलाओ को सम्मान के साथ जीने के लिये पेषन दे रही है। लेकिन कर्ता-धर्ता ऐसे है की महरनियॉं पति स्व. रामसखा एवं उसकी वेटी रनियॉं पति स्व. फग्गू आदिवासी। दोनो मॉं वेटी एक दूसरे का सहारा है। रनियॉं की वेटी -वेटा है लेकिन इतना नही कमा पा रहे है की उसको मदद कर सके। महरनियॉं की पेंशन मई 2018 तक मिली इसके बाद बन्द कर दी गई। रनियॉं की पेंशन 2014 में चालू की इसके बाद बन्द कर दी गई। महरनियॉं का कहना है कि की हमारी पेंशन चालू हो जाय तो हमारा गुजारा और बची कुचि ज़िन्दगी ठीक से गुजर जाय। वेटी के सहारे हम है वेटी ही कमा के खिला रही है वही सेवा करती है। लेकिन वह भी काम ज्यादा नही कर पा रही है।

मजदूरी का पैसा भी नही दिया ग्राम पंचायत नें

रनियॉं का कहना है की हम कुछ मजदूरी पंचायत में कर लेते है लेकिन खखरी में काम किया था उसका महीनो बीतने के बाद आज तक पैसा नही मिला। आज हम दोनो वीमार है दवा लेने के लिये पैसा नही है। पंचायत में कई वार गुहार लगाई लेकिन पेंषन चालू नही हुई। जिला मुख्यालय हम जा नही सकते क्योकी जाने की लिए किराया भी नही है। हम तो पंचायत के ही सहारे है मिल जाय तो ठीक है न मिलै तो ठीक है।

समर्थन संस्था के कार्यकर्ता धरमराज को उक्त पीडित महिलाआें ने सभी कागज दिखाये है उनका कहना है कीं कागज ठीक है पेंषन मिल जायेगी। कागजो के अनुसार उक्त दोनो महिलाए पेंशन पाने की हकदार है और उन्हे पूर्व मे पेंशन मिलती थी। रोजगार सहायक जगदीष आदिवासी का कहना है की इनको पूर्व मे पेंशन मिलती थी लेकिन अचानक कैसे बन्द हो गई इस संबंध मे मेरे द्वारा जनपद पंचायत कार्यालय मे अनेको बार पेंशन चालू कराने की पहल की गई। लेकिन अभी तक पेंशन चालू नही हुई है।

इनका कहना हैः-

आप के द्वारा उक्त मामला संज्ञान मे लाया गया है पेंशन अधिकारी से जल्द जानकारी लेकर उक्त गरीब महिलाओं की पेंशन चालू कराई जायेगी।
– घनश्याम शर्मा खंड पंचायत अधिकारी जनपद पंचायत पन्ना

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