पन्ना,
कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा समय-समय पर महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग की दो योजनाओं की विशेष रूप से समीक्षा की गयी। इन योजनाओं में पोषण संजीवनी अभियान एवं पोषण पुर्नवास योजना शामिल हैं। उन्होंने इन बैठकों में पाया कि जिले में ढाई हजार से अधिक कुपोषित बच्चे हैं जिन्हें कुपोषण से बाहर निकालने की आवश्यकता है।
इसके लिए उन्होंने गोद लेने का शुभारंभ पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती अतिकुपोषित बच्चे आकाश को स्वयं गोद लेकर किया। अब इस बच्चे के स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है और बच्चे का वजन बढकर 5 किलो 475 ग्राम हो गया है। जब यह बच्चा गोद लिया गया था उस समय इसका वजन 4 किलो 290 ग्राम था।
कलेक्टर श्री शर्मा ने जिले के कुपोषित बच्चों एवं उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जिले के जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिक, अधिकारी, कर्मचारियों एवं अन्य आम आदमी जो भी गोद ले सकने में सक्षम है उनसे अपील की है कि वे अपने क्षेत्र के आंगनबाडी केन्द्रों में जाकर आंगनबाडी कार्यकर्ता के माध्यम से कुपोषित बच्चों को गोद लें। उन्होंने कहा कि जब बच्चे को गोद लिया जाए उस समय उसके वजन की जानकारी गोद लेने वाले व्यक्ति को जान लेना चाहिए। इसके उपरांत पोषण संजीवनी कार्यक्रम के तहत गोद लेने वाला व्यक्ति कुपोषित बच्चे का पोषण संजीवनी अभिभावक बन जाएगा।
गोद लेने वाले व्यक्ति को उस बच्चे के पोषण आहार के लिए आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के परामर्श अनुसार पोषण आहार उपलब्ध कराना होगा। जिससे वह बच्चा कुछ दिनों बाद कुपोषण से बाहर आकर सामान्य हो जाएगा। सामान्य रहने की स्थिति में भी बच्चे के लिए पोषण आहार उपलब्ध कराते रहने से आपका गोद लिया गया बच्चा हमेशा के लिए कुपोषण से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने अपेक्षा करते हुए कहा कि जिले के अधिक से अधिक बच्चों को गोद लिया जाए जिससे जिले को कुपोषण मुक्त कराया जा सके।