उज्जैन में महाकालेश्वर मन्दिर क्षेत्र का विकास बनारस के काशी विश्वनाथ मन्दिर के विकास की तर्ज पर किया जाएगा। आगामी अप्रैल माह तक रूद्र सागर में मिलने वाले गन्दे पानी को रोक दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के निर्देश पर प्रदेश के तीन कैबिनेट मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा, श्री पी.सी. शर्मा एवं श्री जयवर्द्धन सिंह की शुक्रवार को हुई उज्जैन में जन-प्रतिनिधियों और पुजारियों के साथ हुई उच्च-स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में लगभग 300 करोड़ के कार्यों पर प्रारम्भिक सहमति व्यक्त की गई।
बैठक में विधायक श्री दिलीप गुर्जर, श्री रामलाल मालवीय, श्री महेश परमार, श्री मुरली मोरवाल और मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव तथा वरिष्ठ संभागीय एवं जिला अधिकारी शामिल हुए।
जन-प्रतिनिधियों, पुजारियों की सहमति से होगा क्रियान्वयन
उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और पुजारियों की सहमति से योजना क्रियान्वित की जाएगी। योजना कागजों पर नहीं बनेगी। उज्जैन नगर एवं महाकालेश्वर मंदिर का पौराणिक स्वरूप कायम रखा जाएगा। पुराणों में वर्णित इतिहास के मुताबिक ही विकास किया जाएगा।
महाकालेश्वर के लिये नया एक्ट
मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर का नया एक्ट तैयार किया जा रहा है। पुराने एक्ट में आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। एक्ट में नियम बनाने के अधिकार सरकार के पास होंगे। मंदिर प्रबंधन की व्यवस्था को भी ठीक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर के पौराणिक इतिहास और समृद्ध संस्कृति को ध्यान में रखकर उज्जैन का विकास करेंगे। श्री शर्मा ने कहा कि विकास में स्थानीय लोगों की भागीदारी होगी। स्थायी विकास कार्य होंगे।
दूर होंगी शिखर दर्शन की बाधाएँ
मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि भगवान महाकालेश्वर के शिखर दर्शन की बाधाओं को दूर करेंगे। आसपास के भवनों की ऊँचाई शिखर से कम होगी। इसके लिए निर्देश जारी किए जाएंगे। आगामी सितम्बर-अक्टूबर माह में जन-प्रतिनिधियों को काशी विश्वनाथ मन्दिर, तिरूपति मन्दिर एवं सोमनाथ मन्दिर की व्यवस्थाओं का अवलोकन करने के लिए भेजा जाएगा।
विकास कार्यों की होंगी नियमित समीक्षा बैठकें
मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती ने कहा कि केवल एक दिन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिये उज्जैन में ही रुकने की कार्य-योजना बनाई जा रही है। सोमनाथ और अमृतसर की तर्ज पर उज्जैन में भी श्रद्धालुओं को परिवहन के लिए इलेक्ट्रॉनिक वाहन उपलब्ध कराये जाना चाहिये। मुख्य सचिव ने कहा कि रूद्र सागर को भोपाल की तर्ज पर स्वच्छ किया जाएगा। विकास कार्यों की निरन्तर समीक्षा बैठकें होंगी। उन्होंने कहा कि सितम्बर माह से जमीन पर काम दिखने लगेगा। कार्यों की स्वीकृति स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद ही जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि उज्जैन के विकास कार्य में शिप्रा, रामघाट सहित अन्य तीर्थ-स्थल भी शामिल हैं।