वाराणसी, 31 मार्च काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच की सी नई तकनीक खोजने में कामयाबी मिलने का दावा किया है जिससे महज घंटे भर में इसकी सटीक जांच की जा सकेगी। विश्वविद्यालय में विज्ञन प्रभाग के डिपॉर्टमेंट ऑफ़ मॉलीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गीता राय ने अपनी प्रयोगशाला में शोध छात्राओं की मदद से यह तकनीक विकसित की है। डॉ. राय का दावा है कि कोरोना वायरस के लिए जांच की यह तकनीक बिल्कुल नई और कोविड-19 के प्रोटीन की परख पर आधारित है जिसमें गलत रिपोर्ट आने की संभावना बिलकुल नहीं है।
उन्होंने बताया कि रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज पॉलीमर चेन रिएक्शर्न आरटी पीसीआरी तकनीक पर आधारित जांच की यह प्रक्रिया बेहद कारगर होगी। उन्होंने बताया यह तकनीक एक से अनोखे प्रोटीन क्रर्म सीक्वेंसी को लक्ष्य करती है जो सिर्फ कोविड-19 में मौजूद है। यह प्रोटीन क्रम किसी और वायरस के स्ट्रेन में नहीं पाया जाता है। इस जांच के किफायती और आसान होने का दावा करते हुए प्रो. राय ने बताया कि उन्होंने नवीनता के आधार पर इसके पेटेंट के लिए आवेदन भी दे दिया है।
उन्होंने बताया भारतीय पेटेंट कार्यालय की ओर से किए गए पूर्व निरीक्षण में पाया गया कि देश में इस सिद्धांत पर आधारित अब तक कोई किट नहीं है। प्रोटीन क्रम को लक्ष्य कर जांच करने की यह तकनीक बिल्कुल नई है। उम्मीद है कि देश में कोविड-19 के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह तकनीक जांच की गति बढ़ाने में कारगर होगी। इससे सटीक जांच होगी और रिपोर्ट भी जल्दी प्राप्त की जा सकेगी। प्रो. राय ने इस दिशा में मार्गदर्शन और समर्थन के लिए सेट्रल ड्रग स्टैंडर्ड क्ंट्रोल आर्गनाइजेशर्न सीडीएससीओी और इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च ऑफ़ इंडिया आईसीएमआरी से भी संपर्क किया है। (भाषा)