क्या आप उदास होने पर एआई से बातचीत करते हैं? जानिए चैटबॉट्स को कहां से मिलती हैं जानकारियां

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ब्रिस्बेन (द कन्वरसेशन) दुनियाभर में ज्यादा से ज्यादा लोग चैटजीपीटी समेत विभिन्न एआई चैटबॉट पर बातचीत करके समय बिता रहे हैं। ऐसे में इनपर मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से बातचीत होना स्वाभाविक हो गया है। इस मामले में कुछ लोगों के अनुभव सकारात्मक रहे हैं, जिनके लिए एआई एक सस्ते थैरेपिस्ट की तरह काम करता है।

लेकिन एआई थैरेपिस्ट नहीं है। वे होशियार और लोगों को जुड़ाव महसूस कराने वाले तो होते हैं, लेकिन वे मनुष्यों की तरह नहीं सोच पाते। चैटजीपीटी और अन्य जनरेटिव एआई मॉडलों ने इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट को पढ़कर-समझकर बातचीत करना सीखा है।

जब कोई व्यक्ति एक प्रश्न (जिसे प्रॉम्प्ट कहा जाता है) पूछता है, जैसे कि “मैं तनावपूर्ण कामकाजी बैठक के दौरान कैसे शांत रह सकता हूं?” तो एआई अपने आप शब्दों का चयन करके प्रतिक्रिया तैयार करता है। वह अपने प्रशिक्षण के दौरान इन शब्दों से परिचित होता है। यह सब इतनी तेजी से होता है, तथा जवाब इतने प्रासंगिक होते हैं कि ऐसा लगता है जैसे आप किसी व्यक्ति से बात कर रहे हों।

लेकिन इन मॉडल की मनुष्य से तुलना नहीं की जा सकती। ये प्रशिक्षित मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर नहीं हैं। ये दिशा-निर्देशों के तहत काम करने वाले, आचार संहिता का पालन करने वाले, या पंजीकृत पेशेवर नहीं होते।

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