दक्षिण पश्चिम रेलवे ने यह तर्क देते हुए अपने अधिकारियों को उनके केंद्रों से दिल्ली, मुंबई और कोलकाता तक विमान से जाने देने वाले अनुरोध को स्वीकार किया है कि इन गंतव्यों तक पहुंचने में लगने वाला हवाई किराया एसी। और एसी2 के किरायों से सस्ता है।
दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसके मुताबिक हवाई सफर की इजाजत देने से कार्यक्षमता बढ़ेगी क्योंकि रेलवे जोन के किसी भी स्थान से इन टियर। शहरों तक के सफर में 12 घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है।
जोन के उपमहाप्रबंधक ने जीएम को 31 जुलाई को पत्र लिख कर वरिष्ठ अधिकारियों के लिए हवाई यात्रा के इस प्रस्ताव के संबंध में मंजूरी मांगी थी। साथ ही इस पत्र में कहा गया कि रेलवे बोर्ड की बैठकें अल्प सूचना पर बुलाई जाती हैं और हवाई यात्रा की स्वीकृति देने से अधिकारी मुख्यालयों या मंडलों से जल्द से जल्द दिल्ली पहुंच पाएंगे।
दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक ने एक अगस्त को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह आदेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक साल पहले की रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि 13 क्षेत्रों के लिए हवाई किराए की तुलना दिखाती है कि कई मार्गों पर विमान से यात्रा करना ट्रेन के मुकाबले सस्ता है।