बेंगलुरु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के बाद भावुक दिखे इसरो प्रमुख के सिवन को काफी देर तक आत्मीयता से गले लगाया। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की असफलता के बाद सिवन रो पड़े।
मोदी ने यहां इसरो केंद्र में दिए अपने संबोधन में वैज्ञानिकों से चंद्र मिशन में बाधाओं से दिल छोटा न करने के लिए कहा और कहा कि एक नई सुबह जरूर होगी। जैसे ही प्रधानमंत्री ने अपना भाषण पूरा किया तो सिवन उन्हें छोडऩे के लिए साथ आए। जब प्रधानमंत्री अपनी कार में बैठने जा रहे थे तो उन्होंने सिवन को आत्मीयता से गले लगाते हुए उन्हें दिलासा दिया। सिवन उस वक्त रो पड़े।
सिवन इस महत्वाकांक्षी मिशन के योजना के अनुसार न जाने की अपनी निराशा को छिपा नहीं सके। इससे पहले सिवन ने रुंधे गले से घोषणा की कि लैंडर का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया है और आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। सिवन के सहकर्मी उन्हें कठिन काम को पूरा करने में माहिर लेकिन सादा और हंसमुख व्यक्ति बताते हैं।
प्रधानमंत्री चंद्रयान-2 के चंद्रमा को छूने के एतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए इसरो केंद्र में मौजूद थे और वह सुबह आठ बजे वैज्ञानिकों और देश को संबोधित करने के लिए छह घंटे से भी कम समय में लौट आए।
गौरतलब है कि लैंडर विक्रम की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग इसरो की योजना के मुताबिक नहीं हुई क्योंकि उसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। (भाषा)