कोड़ल शिव मंदिर कलचुरी राजाओं ने बनवाया था, यह ऐतिहासिक धरोहर है, किवदन्तियों इस बात की आती है, हमारी कोशिश होगी कोड़ल का यह स्थान एक केन्द्र बिन्दु बन जाये। इस आशय की बात केन्द्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार संस्कृति एवं पर्यटन विभाग प्रहलाद पटैल ने 13 जुलाई को कोड़ल शिव मंदिर भ्रमण के दौरान कही।
उन्होंने कहा इस देश में 70 प्रतिशत पर्यटन स्थल है, यह बहुमूल्य पूज्यनीय धरोहर है। पुराने मंदिर, पुरानी स्मृतियां, यह उन्हीं स्थानों पर मिलती है, जहां विकास आज की तारीख में है। यह चीज हम सबको सोचना चाहिये, जब यह मंदिर बना होगा, बनाने वाले कितने समृद्ध और मजबूत कैसे लोग रहे होंगे,जिन्होंने इस स्थान को चुना, ताकत थी, वैभव था, दृष्टि थी, वह समझ थी।
उन्होंने कहा पिछड़े पन में हमारी कुछ जीवन शैलियां रही होंगी उसमे कुछ खामियां आई हो सकती है और वह हमारे पराभाव का कारण बना, लेकिन हमारी उन्नति, हमारी समझ, हमारा सामर्थ यह पत्थर बताते है की जायदाद थी। जो चीज हमारे पास है वह दुनिया में कम लोगों के पास है।
उन्होंने कहा हम सबकी यह कोशिश होनी चाहिये निजी फायदे तो जीवन में होते रहेंगे। लेकिन हमारी प्रतिष्ठा किस बात से बढ़ेगी इस ओर ध्यान देना चाहिये। उन्होंने कहा व्यक्तिगत लाभ के लिये जीवन में कभी काम नहीं करना चाहिये। चाहे आप राजनीति, व्यापार या समाज सेवा करो, यह धारणा तोड़नी होगी। उन्होंने कहा गाईडों के लिये कोर्स कराये जायेंगे। द्विभाषीयों का कोर्स भी करायेंगे। उन्होंने कहा हमारे यहां बच्चों को एक फैलोसिपी की स्कारशिप मिलती है, हमारे यहां के लोग नागपुर जाते है या इलाहाबाद जाते है। उन्होंने कहा दमोह में वह केन्द्र होगा, मध्यप्रदेश के लोग यहां दमोह में आकर वह कोर्स करेंगे साथ में टीचर्स स्टेडिंग का कोर्स होगा।