मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल भाजपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा किसानों का दो लाख रुपए तक का फसल ऋण माफ करने के वचन के बावजूद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार किसानों को ऋण वसूली और जब्ती नोटिस भेज रही है। विपक्ष ने यह भी दावा किया कि प्रदेश में पिछले छह महीनों के दौरान 71 किसानों ने आत्महत्या की है।
यह मुद्दा विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने प्रदेश सरकार की चल रही जय किसान ऋण माफी योजना से संबंधित एक प्रश्न के जरिए उठाया।
भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने दावा किया कि राज्य में किसान को कृषि ऋण के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया है।
भार्गव ने किसानों को दी जाने वाली नोटिस को सदन में पढ़ते हुए कहा कि हर जिले में बहुत से किसानों को अलग-अलग बैंकों से वसूली और जब्ती के नोटिस मिल रहे हैं।
विपक्ष के नेता ने यह भी दावा किया कि किसानों के ट्रैक्टर, घर और अन्य संपत्ति को डिफ़ॉल्टर बता कर जब्त किया जा रहा है जबकि उन्हें ऋण माफी का लाभ देने का वादा किया गया था।
भार्गव ने विधानसभा में प्रदेश के गृह मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के हवाले से कहा कि प्रदेश में पिछले छह महीनों के दौरान 71 किसानों ने आत्महत्या की है।
हालांकि, सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि यदि सहकारी बैंकों के अधिकारी किसानों को नोटिस जारी कर रहे हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्वाई की जाएगी। वहीं, यादव ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा इस मुद्दे पर निहित राजनीतिक हितों के लिए प्रदेश के किसानों को गुमराह कर रही है।
मालूम हो कि पिछले साल दिसंबर में चुनाव जीतने के तुरंत बाद कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनने पर जय किसान ऋण माफी योजना शुरू की थी। नवंबर 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी का यह एक प्रमुख चुनावी वादा था।