प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण अनुकूल खेती पर जोर दिया। उन्होंने बृहस्पतिवार को मृदा स्वास्थ्य के संरक्षण के लिए किसानों से धीरे-धीरे रसायनिक उर्वरकों के उपयोग को घटाने और अंतत: उसका उपयोग बंद करने आह्वान किया।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से मोदी ने कहा कि रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अधिक उपयोग से धरती नष्ट हो रही है। मोदी ने कहा, क्या हमने धरती मां की सेहत के बारे में कभी सोचा है? जिस तरीके से हम रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग कर रहे हैं, हम धरती को नष्ट कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, हमारा किसानों से आग्रह है…हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। क्या हम अपने खतों में रसायनिक उर्वरकों के उपयोग में 10 से 25 प्रतिशत की कमी ला सकते हैं? उन्होंने कहा कि अंतत: हमारा लक्ष्य इसके उपयोग को पूरी तरह समाप्त करने पर होना चाहिए।
खेती-बाड़ी के लिए काफी हद तक मानसून पर निर्भर भारतीय किसान हर साल 5.5 करोड़ टन यूरिया और फास्फेट तथा पोटाशियत का उपयोग करते हैं। इसके अलावा फसलों को नुकसान से बचाने के लिए कीटनाशकों का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है।
मोदी ने यह भी कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को आय समर्थन के लिए 90,000 करोड़ रुपए की घोषणा की है।
इस योजना के तहत 14.5 करोड़ किसानों को सालाना उनके बैंक खातों 6,000 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 87,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने किसानों और छोटे कारोबारियों के लिए शुरू की गई नई पेंशन योजना का भी जिक्र किया।