कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को घर आकर मिलने का वादा निभाने के लिए, हाल में सामूहिक हत्याकांड के गवाह बने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र स्थित उम्भा गांव पहुंची। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने प्रियंका की इस यात्रा को राजनीतिक स्टंट करार देते हुए कहा कि कांग्रेस महासचिव को सोनभद्र में अपनी ही पार्टी के नेताओं के पूर्व के कृत्यों का पश्चात्ताप करना चाहिए।
पूर्वाह्न करीब 10 बजे वाराणसी के लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर पहुंचीं प्रियंका सड़क मार्ग से उम्भा गांव रवाना हुईं। इस दौरान उन्होंने ट्वीट कर कहा चुनार के किले पर मुझसे मिलने आए उम्भा गांव के पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मैंने वादा किया था कि मैं उनके गांव आऊंगी। आज मैं उम्भा गांव के बहनोंभाइयों और बच्चों से मिलने, उनका हालचाल सुननेदेखने, उनका संघर्ष साझा करने सोनभद्र जा रही हूं।
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक प्रियंका ने सोनभद्र के उम्भा गांव में उन 10 गोंड आदिवासियों के परिजन से मुलाकात की जो पिछले महीने 17 जुलाई को जमीन के विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में मारे गए थे।
इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रियंका के सोनभद्र दौरे को सियासी स्टंट बताते हुए इसे मीडिया की सुर्खियां बटोरने की कोशिश करार दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने सोनभद्र गोलीकांड मामले में यथासम्भव कठोरतम कार्वाई की है।
उन्होंने कहा कि जिस जमीन को लेकर वह वारदात हुई, उस पर कांग्रेस के शासनकाल में उसी के तत्कालीन विधान परिषद सदस्य और अन्य नेताओं ने कब्जा किया। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के ही राज में वह जमीन अवैध रूप से बेची गई, जिसकी परिणति पिछले महीने गोलीकांड में 10 लोगों के मारे जाने के तौर पर हुई।
शर्मा ने कहा प्रियंका को पार्टी के पहले के नेताओं के कृत्यों का पश्चात्ताप करना चाहिए। उनका आना राजनीतिक स्टंट के सिवा कुछ नहीं हैं। गौरतलब है कि सोनभद्र के घोरावल थाना क्षेत्र स्थित इलाके में 17 जुलाई को जमीन के एक टुकड़े को लेकर हुए संघर्ष में 10 ग्रामीणों की हत्या कर दी गई थी और 28 अन्य घायल हो गए थे।
मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने 19 जुलाई को जा रहीं प्रियंका को मिर्जापुर जिला प्रशासन ने बीच में ही रोक लिया था। उनके धरने पर बैठने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया था। अगली सुबह गोलीकांड के पीड़ित कुछ परिवारों ने गेस्ट हाउस आकर प्रियंका से मुलाकात की थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के मंत्रियों ने इसे प्रियंका का राजनीतिक स्टंट करार देते हुए उम्भा कांड के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया था। (भाषा)