कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश / बांधवगढ़ नेशनल पार्क के बफरजोन से लगे बरही वन परिछेत्र के ग्राम पिपरियाकला में एक कुएं में गिरे अवयस्क बाघ को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। बताया जाता हैए कि रेस्क्यू टीम बाघ को लेकर महाराजा मार्तण्ड सिंह वाइट टाइगर सफारी एवं जुमुकुन्दपुर सतना के लिए रवाना हो गयी है। विदित है कि कल रात एक ग्रामीण के कुंए में अवयस्क बाघ के गिर जाने से पूरे क्षेत्र में निर्मित हड़कंप की स्थिति अब सामान्य हो गई है।
सूचना मिलने पर मुकुन्दपुर रीवा से आई वन विभाग की टीम ने आज सायं बाघ को जाल के जरिये कुंए से बाहर निकालने में सफलता प्राप्त की। बाद में बाघ को आबादी से दूर जंगल में छोड़ा गया। विदित हो कि घटना की सूचना मिलने पर डीएफओ सहित वन अमले व पुलिस कर्मी वहां पहुंच गये थे और बाघ को निकालने क प्रयास शुरू किया गया था। बताया जाता है कि घंटों के प्रयास के बाद भी रेस्क्यू सफल नहीं हुआ तो वन अमले द्वारा मुकुंदपुर (रीवा) से वन विभाग की टीम को बुलाया गया था।
जानकारी के अनुसार ग्राम पिपरियाकला जो कि बांधवगढ़ बफर जोन का समीपी ग्राम है में बाघ के कुएं में होने का पता उस समय चला जब कि एक ग्रामीण चरवाहे को कुंए के पास कुत्तों के भौंकने से शंका हुई। शंका निवारण के लिये जब चरवाहे ने कुएं में झांककर देखा तो अंदर एक बाघ पाया। वन्य प्राणी कहीं मृत तो नही है यह जानने जब उसने एक पत्थर फेंका तो बाघ ने दहाड़ मारी जिस पर चरवाहा भयभीत होकर गांव लौट गया और ग्रामीणों को कुएं में बाघ गिरने की खबर दी। देखते देखते कुएं के आस पास ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्र हो गयी।
पुलिस व वन अमला पहुंचा
बताया जाता है कि इस दौरान ग्रामीणों द्वारा थाने में वन विभाग के रेंजर को उक्ताशय की सूचना दी जिस पर कुछ देर बाद ही वहां बरही थाना प्रभारी एन.के. पाण्डेय पुलिस बल व डीएफओ ए.के. राय, रेंजर शैलेंद्र तिवारी, तहसीलदार सुरेश सोनी वहां पहुंच गये और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू शुरू किया गया। बताया जाता है कि बारिश के कारण रेस्क्यू में बाधा आती रही।
कैसे निकाले बाहर, समस्या बना
बताया जाता है कि वन अमले ने ग्रामीणों की मदद से बाघ को बाहर निकालने के लिये प्रयास तो शुरू किये गये लेकिन यह तय नही हो पा रहा था कि बाघ को कैसे बाहर निकला जाये। चूंकि बाघ युवा है अत: हमले की आशंका के चलते कुएं के अंदर उतरकर उसे निकाला नहीं जा सकता था। वहीं उसे बेहोशी का इंजेक्ïशन भी लगाना संभव नही था। अत: डीएफओ द्वारा रीवा में वन उच्चाधिकारियों से बातचीत कर उन्हें स्थिति की जानकारी दी। बताया जाता है कि मुकुंदपुर से वन विभाग की विशेष टीम बरही के लिये रवाना हो गयी थीं।
बारिश ने डाली बाधा
बताया जाता है कि बाघ को कुएं से बाहर निकालने के प्रयास में जुटे पुलिस व वन विभाग के अमले को बारिश रूपी बाधा का सामना करना पड़ा जिससे कई बार रेस्क्यू रोका गया।
कुत्तों के खदेडऩे से कुएं में गिरा
बाघ के शावक को कुएं में गिरे 12 घंटे के लगभग गुजर चुके है लेकिन यह पता नही चल सका कि वह कुएं में कैसे गिरा। ग्रामीणों का अनुमान है कि शिकार की तलाश में शावक भटकता यहां पहुंचा और संभवत: पास स्थित तालाब में पानी पीने गया होगा और कुत्तों के खदेडऩे के कारण अंधेरे में कुएं में गिर गया। विदित हो कि कुएं की मुंडेर अधिक ऊंची नही है।
एक दर्जन गांवों में अलर्ट जारी
बताया जाता है कि एक ओर जहां कुएं से बाघ को निकालने का प्रयास जारी था वहीं दूसरी ओर वन विभाग द्वारा पिपरिया कला और आसपास के एक दर्जन गांवों में क्षेत्र में घूम रही बाघिन व उसके दो शावकों से सर्तक रहने को कहा गया है। विदित हो कि कुएं में गिरा शावक बाघिन का ही है जो इन दिनों अपनी माँ से शिकार करना सीख रहे है। वन विभाग का कहना है कि अपने बच्चे के न मिलने से बाघिन क्रोधित हो सकती है और इस स्थिति में उसके द्वारा किसी पर भी हमला किया जा सकता है।