मोहनदास पई ने भारतीय स्टार्टअप के लिए घरेलू पूंजी की कमी की ओर इशारा किया

Share this news

नयी दिल्ली (भाषा) दिग्गज उद्योगपति और एरिन कैपिटल के चेयरमैन मोहनदास पई का कहना है कि सरकार के प्रतिबंधात्मक नियमों के कारण पर्याप्त घरेलू निवेश की कमी के चलते भारतीय स्टार्टअप पीछे रह गए हैं। उन्होंने पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए नीतिगत सुधारों और अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) में निवेश का आह्वान किया।

पई ने आगाह किया कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप केंद्र है इसके बावजूद अगर इन चुनौतियों का समाधान नहीं किया गया तो देश वैश्विक नवाचार में पिछड़ सकता है।

पई ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, ““हमारे पास 1,65,000 पंजीकृत स्टार्टअप हैं, 22,000 को वित्त पोषण मिला है। उन्होंने 600 अरब डॉलर का मूल्य बनाया है। हमें 121 यूनिकॉर्न और शायद 250-300 सूनिकॉर्न मिले।”

उन्होंने कहा, “स्टार्टअप के लिए सबसे बड़ी समस्या पर्याप्त पूंजी की कमी है। उदाहरण के लिए, चीन ने 2014 से 2024 के बीच स्टार्टअप और उद्यमों में 835 अरब डॉलर का निवेश किया, अमेरिका ने 2.32 लाख करोड़ डॉलर का निवेश किया। हमने सिर्फ़ 160 अरब डॉलर का निवेश किया, जिसमें से संभवतः 80 प्रतिशत विदेशों से आया। इसलिए स्थानीय पूंजी नहीं आ रही है।”

पई ने बताया कि अमेरिका के विपरीत, जहां बीमा कंपनियां और विश्वविद्यालय निधियां स्टार्टअप कोष के प्रमुख स्रोत हैं, भारतीय कोषों को सरकारी नीति द्वारा स्टार्टअप में निवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है, और अधूरे नियामकीय सुधारों के कारण बीमा कंपनियां बड़े पैमाने पर अनुपस्थित रहती हैं।

उन्होंने बीमा कंपनियों को ‘फंड-ऑफ-फंड’ में भाग लेने की अनुमति देने के लिए विनियामकीय बदलाव लाने की वकालत की और उनके निवेश ढांचे में अधिक लचीलेपन का आह्वान किया। पई ने सरकार के ‘फंड-ऑफ-फंड’ कार्यक्रम को 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने का भी सुझाव दिया।

उन्होंने आगे कहा कि 40-45 लाख करोड़ रुपये के कोष वाले भारत के पेंशन कोष रूढ़िवादी दृष्टिकोण और प्रतिबंधात्मक नियमों के कारण स्टार्टअप में निवेश करने में असमर्थ हैं।

पई ने भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान एवं विकास कोष में पर्याप्त वृद्धि के महत्व पर जोर दिया और डीआरडीओ जैसे संगठनों को अपनी प्रौद्योगिकियों को निजी क्षेत्र के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

About Post Author

Advertisements