भोपाल, 26 मार्च कोरोना वायरस के मद्देनजर देशभर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते पड़ोसी राज्य गुजरात में बेरोजगार हुए हजारों श्रमिक पैदल ही अपने घर मध्यप्रदेश लौट रहे हैं। इनमें कई महिलाएं भी हैं। मध्य प्रदेश के कई जिलों से अच्छे रोजगार की तलाश में ए श्रमिक गुजरात के सूरत, अहमदाबाद, राजकोट, नवसारी और अन्य जिलों में रहने के लिए गए थे। लॉकडाउन के बाद अब ए श्रमिक अपने घर मध्यप्रदेश के झबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, रतलाम, भिण्ड और मुरैना जिलों में वापस लौट रहे हैं। ए श्रमिक समूह में गुजरात से सटे मध्यप्रदेश के पश्चिमी भाग के आदिवासी बहुल जिलों–झबुआ या अलीराजपुर से प्रवेश कर रहे हैं।
ये श्रमिक सैकड़ों किलोमीटर या तो पैदल चलकर आए हैं या तो किसी वाहन द्वारा इन्हें प्रदेश की सीमा पर छोड़ा गया है। एक व्यक्ति ने अपनी पहचान जाहिर नहीं करने हुए झबुआ जिले की पिटोल चेक पोस्ट पर बताया, 3300 विस्थापित श्रमिक मध्यप्रदेश वापस आए हैं। उनमें से अधिकतर ने मंगलवार रात को लॉकडाउन घोषित होने के बाद से गुजरात से वापस घर्र मध्यप्रदेशी की ओर चलना शुरु किया था। रास्ते में भले लोगों ने इन्हें खाना और अन्य जरुरी चीजें दीं। उनमें से सिर पर सामान उठाए महिलाओं सहित कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने केवल पानी पीकर मध्यप्रदेश की सीमा तक रास्ता तय किया है।
सूरत से पैदल चलकर झबुआ जिले के पिटोल चेक पोस्ट से प्रवेश करने वाले मुरैना जिले के विजय अहीरवार्र 28ी ने कहा कि बिना काम के खाली पेट गुजरात में रहने का अब कोई मतलब नहीं था इसलिए वह घर लौट रहे हैं। एक अन्य व्यक्ति शंकर ने बताया कि वह अपनी रोजी रोटी के लिए सूरत में सड़क किनारे पानी पुरी की रेहड़ी लगाता था लेकिन अब वह वापस अपने घर मुरैना जिले जा रहा है। कई प्रवासी श्रमिक अलीराजपुर जिले के चांदपुर या चकतला चेक पोस्ट से मध्यप्रदेश में वापस लौटे हैं।
अलीराजपुर के पुलिस अधीक्षक विपुल श्रीवास्तव ने कहा कि उनके जिले में 400-500 श्रमिक अधिकांश पैदल ही मध्यप्रदेश में आए हैं। इसके अलावा मध्यप्रदेश और गुजरात सीमा पर अन्य रास्तों से भी लोग यहां आए हैं। एसपी ने बताया कि गुजरात के नवसारी जिले से और श्रमिक 10 बसों में वापस यहां आ रहे हैं। इनके आज रात तक आने की उम्मीद है। (भाषा)