वाशिंगटन, 7 अप्रैल (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मलेरिया की हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन दवाई ना देने पर भारत को कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी दी और कहा कि निजी अनुरोध के बाद भी भारत का दवाई ना देना उनके लिए चौंकाने वाला होगा क्योंकि वाशिंगटन के नई दिल्ली के साथ अच्छे संबंध हैं।
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन मलेरिया की एक पुरानी और सस्ती दवाई है। ट्रम्प इसे कोविड-19 के इलाज के लिए एक व्यवाहरिक उपचार बता रहे हैं। संक्रमण से अमेरिका में 10,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और करीब साढ़े तीन लाख लोग इससे संक्रमित हैं। ट्रम्प ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की गोलियों की खेप भेजने की अनुमति देने को कहा था जिसका आदेश अमेरिका ने दिया था। भारत ने इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी।
ट्रम्प ने सोमवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, यह मेरे लिए चौंकाने वाला होगा क्योंकि भारत के अमेरिका के साथ अच्छे संबंध है। भारत से श्रीलंका और नेपाल ने भी सी ही मांग की है। वहीं भारत का कहना है कि भारत निर्यात प्रतिबंध हटाने पर गौर कर रहा है।भारत के कई वर्षों तक अमेरिका से व्यापारिक लाभ उठाने की बात दोहराते हुए ट्रम्प ने कहा कि नई दिल्ली का अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात ना करना चौंकाने वाला होगा।
उन्होंने कहा, अगर यह उनका निर्णय हुआ तो मेरे लिए यह चौंकाने वाला होगा। उन्हें मुझे यह बताना होगा। मैंने रविवार सुबह उनसे बात की थी फोन किया था और मैनें कहा था कि हम निर्यात को अनुमति देने के आपके निर्णय का स्वागत करेंगे। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो कोई बात नहीं लेकिन यकीनन उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों ही देश कोविड-19 संकट से निपटने में लगे हैं।