SDM की दबिश में 2 लाख की प्रतिबंधित दवाइयां जब्त, क्लीनिक सील
कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश
समूचे जिले में दवाखानों के नाम पर खुली फर्जी डाक्टरों की दुकानों में आने वाले लोगों को प्रतिबंधित दवाएं जो जानलेवा हो सकती है देकर उनका उपचार किया जा रहा है। आज कलेक्टर के निर्देश पर विजयराघवगढ़ एसडीएम, बरही तहसीलदार व बीएमओ बरही की संयुक्त टीम ने बरही स्थित डॉ आर.आर मिश्रा के क्लीनिक पर छापा मारा और वहां से दो-ढाई लाख रुपये कीमती एलोपैथी दवाएं जो कि वर्षो पहले प्रतिबंधित हो चुकी है और जानलेवा है बरामद की। टीम द्वारा दवा खाने को सील कर आरोपी चिकित्सक के विरूद्घ एफआईआर दर्ज करायी गयी।
कार्यवाही के बारे में बरही बीएमओ द्वारा दी जानकारी के अनुसार बरही में डॉ. आर.आर. मिश्रा द्वारा क्लीनिक खोलकर आने वाले मरीजों का उपचार किया जा रहा था। उक्त चिकित्सक के विरूद्घ नागरिकों द्वारा कलेक्टर से की गयी शिकायत पर कलेक्टर द्वारा दिये निर्देश पर आज दोपहर एसडीएम विजयराघवगढ़ प्रिया चंदावत, तहसीलदार सच्चिदानंद त्रिपाठी, राज मणि पटैल की संयुक्त टीम द्वारा उक्त डाक्टर के क्लीनिक पर दबिश दी।
बाहर बोर्ड पर जन स्वास्थ्य रक्षक लिखा अंदर डॉक्टर
बताया जाता है कि टीम जब कार्यवाही करने पहुंची तो बाहर बोर्ड पर जनस्वास्थ्य रक्षक लिखा था जबकि अंदर बोर्ड पर डॉ. आर.आर. मिश्रा बी ए एम एस ए एम। अधिकारियों द्वारा कथित डाक्टर से पूछताछ करने के बाद उसके दवा खाने की तलाशी ली तो चौक पड़े क्योंकि अंदर भारी मात्रा में ऐसी एलोपैथिक दवाएं रखी थी जो वर्षो पूर्व प्रतिबंधित हो चुकी और उनका उपयोग जानलेवा सिद्घ हो सकता है।
सलाह देने की योग्यता उपचार की नहीं
बरही बीएमओ ने बताया कि मिश्रा डाक्टर के पास जो डिग्री पायी गयी उसके अनुसार डिग्रीधारी लोगों को सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी सलाह दे सकता है किसी का उपचार नहीं कर सकता है। आश्चर्यजनक बात तो यह चिकित्सा की अयोग्यता के बाद भी उक्त डाक्टर बरसों से लोगों का उपचार कर रहा था।
बरामद दवाएं जानलेवा
बीएमओ ने दैनिक म.प्र. को बताया कि डाक्टर द्वारा अपने क्लीनिक से जो दवाएं मरीजों को बेची जा रही थी वे ना केवल बैन है बल्कि उनका उपयोग जानलेवा साबित हो सकता है। इसके बाद भी उक्त चिकित्सक बरसों से मरीजों का उपचार कर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा था। बताया गया कि डाक्टर के क्लीनिक से जो दो-ढाई लाख की प्रतिबंधित दवाएं बरामद की गयी वह कहां से आयी यह जांच विषय है पुलिस द्वारा मामले की जांच के दौरान इस रहस्य से भी पर्दा उठेगा कि उसे यह दवाएं कहां से मिली।
एफआईआर दर्ज
प्रशासनिक अधिकारियों व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा डाक्टर का क्लीनिक सील करने के बाद बरही थाने जाकर डाक्टर के विरूद्घ एफआईआर दर्ज करायी। पुलिस ने भी संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर उसे जांच में लिया।
जगह-जगह खुली चिकित्सा के नाम दुकानें
देखा गया है कि समूचे जिले में फर्जी डिग्रीधारी झोलाछाप डाक्टरों की दुकानें खुली है जो कि सस्ते इलाज के नाम पर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ किस तरह खिलवाड़ कर रहे इसका पता आज बरही में कार्यवाही होने पर चलता है कि किस तरह सिर्फ सलाह देने की योग्यता वाला एक डाक्टर बरसों से लोगों का उपचार कर रहा था। देखा गया कि बारिश के इस मौसम में जब लोगों में तरह-तरह की बीमारियां फैली हुई है ऐसे में जिला अस्पताल में उपचार सुविधा न मिलने से निराश पीडि़त ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों की शरण में आते है जो अल्प ज्ञान होने के बाद भी उपचार करते है और इस स्थिति मरीज का रोग या तो बढ़ जाता है या फिर उसकी हालत बिगडऩे पर जान के लाले पड़ जाते है। आश्चर्य की बात यह है सब कुछ जानते बूझते भी स्वास्थ्य विभाग ऐसे चिकित्सकों की धरपकड़ करने अभियान नहीं चला रहा है।
सांठ गाँठ से चल रहा झोलाछाप कारोबार
बरही में आज कलेक्टर के निर्देश पर तहसील प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त कार्यवाही तो की गयी और भारी मात्रा में जानलेवा दवाएं भी बरामद की गयी। कार्यवाहीसे इस बातपर आश्चर्य हो रहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सब जानते बूझते हुए भी ऐसे कथित चिकित्सक पर कार्यवाही नहीं गयी जिससे यह संदेह होता है कि कहीं विभाग के अधिकारियों की मिली भगत तो नही है तभी तो उनके द्वारा कभी इन कथित चिकित्सकों की डिग्री तक की जांच करने की जरूरत महसूस नहीं की गयी।