7 माह बीते पर हलवाई के हत्यारों का सुराग नहीं, बस स्टैण्ड चौकी से चंद कदम पर हुई थी घटना
कटनी, दैनिक मध्यप्रदेश / जिले में अपराधिक वारदातें तो रोजना होती है लेकिन हत्या व डकैती जैसे लगभग आधा दर्जन ऐसे अपराध हुए जिनके बारे में पुलिस अब तक कोई सुराग नही पा सकी है और वारदातें एक पहेली साबित हो रही है। ऐसे अनसुलझे जघन्य अपराधों में बस स्टेण्ड चौकी के समीप 7 माह पूर्व हलवाई रामकुमार मिश्रा की नृशंस हत्या के मामले में कुठला पुलिस काफी हाथ-पैर मारने के बाद कोई सफलता प्राप्त नहीं कर सकी है। हालांकि पुलिस द्वारा घटना की जांच जारी होने का दावा किया जा रहा है।
गौरतलब हो कि बस स्टेण्ड चौकी से कुछ दूर रहने वाले 55 वर्षीय रामकुमार मिश्रा नामक व्यक्ति की विगत 18 दिसम्बर 2018 को सड़ी गली लाश किराये के कमरे में पायी गयी थी। कुठला पुलिस द्वारा पंचनामा कार्यवाही के बाद लाश का पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट में मौत का कारण गुप्तांग में करंट लगने व सिर पर त्रिशूल से लगी चोट के रूप में सामने आया था। रिपोर्ट में यह भी पता चला था कि हत्या चार दिन पूर्व यानि 14 दिसम्बर को हुई थी।
25 वर्षो से अलग रहता था परिवार से
रामकुमार की जिस तरह क्रूरतापूर्वक हत्या की गयी थी अत: आरम्भिक जांच में पुलिस को घटना के पीछे अवैध संबंध, चारित्रिक संदेह को लेकर जांच की गयी। मृतक के आसपास रहने वालों से पूछताछ की गयी लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। बाद में पुलिस की एक टीम मृतक के गांव मनगवां (रीवा) भी गयी जहां पता चला कि मृतक 25 वर्षो से अपने परिवार के साथ नहीं रहता था। पुलिस को पता चला था कि मृतक गांजा पीने का आदी है वहीं उसका भाई भी शराब पीता है। इसके अलावा पुलिस टीम को ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जिससे हत्या के इस मामले पर कोई रोशनी पड़ सके।
मोबाइल कॉल से भी सुराग नहीं
सूत्र बताते है कि पुलिस टीम ने कटनी लौटकर मृतक के साथ अक्सर गांजा पीने वाले लोगों से पूछताछ की लेकिन उनसे भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा। मृतक के मोबाइल पर आये कॉलों की भी जांच करने पर पुलिस को यह पता चला कि मृतक ने 10 दिसम्बर 2018 बिलहरी में रहने वाले एक शख्स से बात की थी। पुलिस टीम ने उस शख्स से भी पूछताछ की जिसने रामकुमार के साथ बात होना स्वीकारते हुए यह बताया था कि रामकुमार बिलहरी आया था और घूमने फिरने के बाद वापस चला गया था।
पूर्व चौकी प्रभारी की लापरवाही
सूत्रों का कहना है कि इस मामले में बस स्टेण्ड पुलिस चौकी में पदस्थ प्रभारी द्वारा लापरवाही बरती गयी। जिससे पुलिस डॉग स्क्वाड व फोरसिंक विशेषज्ञ द्वारा की जांच से भी कोई मदद नहीं मिली और हत्यारों को समय मिलने के कारण मामला कमजोर पड़ गया।
चर्चित घटनाएं जो अब तक अनसुलझी
हलवाई रामकुमार मिश्रा की हत्या की घटना के अलावा जिले में कुछ ऐसी बड़ी अपराधिक वारदातें है जो पुलिस के लाखों प्रयास के बाद भी आज तक अनसुलझी है। इन घटनाओं में स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र में हुआ तिहरा हत्याकांड प्रमुख है। वर्ष 2015 में घटित इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी थी। तीनों की हत्या करने के अलावा एक का सिर काटकर ले जाने की घटना में पुलिस जब आरोपियों को तलाशने में नाकाम रही तो आईजी द्वारा विशेष टीम का गठन कर उसे जांच सौपी थी लेकिन वह भी खाली हाथ ही रही। जिले में जो भी नया एसपी आता है वह इस हत्याकांड में टीम गठित कर जांच सौपता है लेकिन किसी को आज तक सफलता मिलना तो दूर सुराग तक हाथ नहीं लग पाया है।
कल्पना काछी अपहरण कांड
ढीमरखेड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत कल्पना काछी नामक एक लड़की के गायब होने का मामला भी कई वर्षो से अनसुलझा है। थाना क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 6 वर्ष पूर्व हुई इस घटना में आज तक यह पता नहीं चल पाया है कि कल्पना जीवित है या नहीं। कल्पना काछी अपहरण के मामले में पुलिस खाली हाथ है।
दुबे कॉलोनी में डकैती
पिछले माह दुबे कॉलोनी निवासी इंजीनियर व आर्कीटेक्ट शैलेश विश्वकर्मा के घर 4 जुलाईको सशस्त्र बदमाशों ने डकैती की वारदात अंजाम दी थी। घटना को लगभग 40 दिन गुजर चुका है लेकिन पुलिस को अब तक यह पता चल सका कि यह वारदात बांग्लादेश से आये किसी गिरोह ने अंजाम दी थी। पुलिस टीम बांग्लादेश जाकर आरोपियों की तलाश करने के लिये गयी थी लेकिन कुछ कारणों के चलते वह बांग्लादेश नहीं जा पायी और खाली हाथ वापस लौट आयी। इसके बाद अब तक इस वारदात में कुछ सफलता मिलने की खबर नही है।