
स्वामित्व योजना के तहत भूमि संबंधी विवादों में आएगी कमी
कटनी दैमप्र। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनकी आवासीय संपत्तियों का मालिकाना हक दिलाने और भूमि संबंधी विवादों को कम करने के लिए राज्य शासन द्वारा स्वामित्व योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत लोगों को संपत्ति कार्ड दिए जा रहे हैं। इस कार्ड के जरिए वे बैंक से कर्ज ले सकते हैं, जमीन गिरवी रख सकते हैं और बेच भी सकते हैं।
अब तक इतने हुए सर्वे
स्वामित्व योजना के तहत अब तक कटनी जिले में 1 लाख 51 हजार 567 प्लॉट का सर्वे किया जा चुका है। इनमें कटनी तहसील के 12 हजार 141 प्लॉटों का सर्वे किया जा चुका है। इसी प्रकार कटनी नगर के 10 हजार 42 प्लॉट का , ढीमरखेड़ा तहसील के 25 हजार 449 प्लॉट का, बड़वारा तहसील के 13 हजार 873 प्लॉट का, बरही तहसील के 8 हजार 547 प्लॉट, बहोरीबंद तहसील के 23 हजार 835 प्लॉट का, रीठी तहसील के 17 हजार 717 प्लॉट का, विजयराघवगढ़ तहसील के 25 हजार 935 प्लॉट का एवं स्लीमनाबाद तहसील के 14 हजार 28 प्लॉट का सर्वे किया जा चुका है।
ग्रामीण भारत के आर्थिक परिवर्तन को मिलेगी गति
स्वामित्व योजना सच्चे ग्राम स्वराज को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह पहल ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और इसे आत्मनिर्भर बनाने में सहायक है। स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान करके ग्रामीण भारत के आर्थिक परिवर्तन को गति देना है। भूमि सीमांकन के लिए उन्नत ड्रोन और जीआईएस तकनीक का उपयोग करते हुए, यह योजना संपत्ति मुद्रीकरण को बढ़ावा देती है, बैंक ऋण तक पहुँच को आसान बनाती है, संपत्ति विवादों को कम करती है और व्यापक ग्राम-स्तरीय योजना को बढ़ावा देती है।